Rajasthan: फर्जी डिग्री बांटने के मामले में निजी विश्वविद्यालय संचालक की 13 करोड़ की संपत्ति अटैच

Fake Degree अटैच की गई संपत्ति में जयपुर जोधपुर व दिल्ली में 12 फ्लैट 3 जमीनें एक बिल्डिंग 31 बीघा कृषि भूमि और बैंक खातों में जमा राशि शामिल है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Tue, 21 Jul 2020 05:37 PM (IST) Updated:Tue, 21 Jul 2020 05:57 PM (IST)
Rajasthan: फर्जी डिग्री बांटने के मामले में निजी विश्वविद्यालय संचालक की 13 करोड़ की संपत्ति अटैच
Rajasthan: फर्जी डिग्री बांटने के मामले में निजी विश्वविद्यालय संचालक की 13 करोड़ की संपत्ति अटैच

राज्य ब्यूरो, जयपुर। Fake Degree: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राजस्थान के जोधपुर में चल रहे निजी विश्वविद्यालय जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष कमल मेहता और उनके परिवार की 12.98 करोड़ रुपये की चल व अचल संपत्ति प्रोविजनली अटैच की है। अटैच की गई संपत्ति में जयपुर, जोधपुर व दिल्ली में 12 फ्लैट, 3 जमीनें, एक बिल्डिंग, 31 बीघा कृषि भूमि और बैंक खातों में जमा राशि शामिल है। यह कार्रवाई फर्जी डिग्री और मार्कशीट बेचने के मामले में दर्ज एफआइआर पर की गई है। दरअसल, इस विश्वविद्यालय के खिलाफ वर्ष 2014-15 में फर्जी डिग्री और मार्कशीट बेचने का मामला सामने आया था।

कमल मेहता ने कुशल एजुकेशन ट्रस्ट के तहत 2008 में जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी की स्थापना की थी। इस यूनिवर्सिटी द्वारा फीस और फार्म जमा करने और परीक्षा कराने के नाम पर यूनिवर्सिटी के चार राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किए। इन समन्वयकों ने बाद में देश में विभिन्न स्थानों पर अपने केंद्र और उपकेंद्र बना लिए। इन्हें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया था। अब तक की जांच में सामने आया है कि कमल मेहता को इन राष्ट्रीय समन्वयकों के जरिए 22.3 करोड़ रुपये मिले। यह रशि यूनिवर्सिटी, कुशल एजुकेशन ट्रस्ट, सूर्य नगरी एजुकेशन सोसायटी सहित विभिन्न संस्थाओं के नाम पर जयपुर व जोधपुर में खोले गए खातों में जमा कराई गई है।

जांच में यह भी सामने आया कि कमल मेहता ने फर्जी डिग्री और मार्कशीट देने के लिए जयपुर में एक समानांतर कार्यालय खोला और 2010 से 2014 के दौरान विभिन्न छात्रों को 25003 डिग्री और मार्कशीट जारी कर दी। जांच में वित्तीय लेनदेन से जुड़ी और कई अनियमितताएं सामने आईं। वहीं, इस पैसे को कमल मेहता, उनकी पत्नी सरिता मेहता, कुशल एजुकेशन ट्रस्ट और अन्य विभिन्न संस्थाओं के नाम से विभिन्न चल व अचल संपत्ति में निवेश किया गया। प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में कमल मेहता और उनसे जुड़ी संस्थाओं की 8.53 करोड़ की चल व अचल संपत्ति को प्रोविजनली अटैच कर चुका है। इस तरह इस मामले में अब तक 21.51 करोड़ की संपत्ति प्रोविजनली अटैच की जा चुकी है। 

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