Rajasthan: कालेज परिसर में नमाज अदा करने को लेकर विवाद जारी, दो छात्र संगठन आमने-सामने

Rajasthan राजस्थान कालेज में तीन छात्रों को नमाज अदा करने से रोकने को लेकर उत्पन्न हुआ विवाद अब बढ़ता ही जा रहा है। एनएसयूआइ के कार्यकर्ताओं ने छात्रों को नमाज अदा करने से रोकने वाले शिक्षक और सुरक्षाकर्मी को आरएसएस के स्वयंसेवक बताया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 14 Nov 2021 04:21 PM (IST) Updated:Sun, 14 Nov 2021 04:21 PM (IST)
Rajasthan: कालेज परिसर में नमाज अदा करने को लेकर विवाद जारी, दो छात्र संगठन आमने-सामने
राजस्थान कालेज परिसर में नमाज अदा करने को लेकर विवाद जारी, दो छात्र संगठन आमने-सामने। फाइल फोटो

जयपुर, जागरण संवाददाता। जयपुर के राजस्थान कालेज में तीन छात्रों को नमाज अदा करने से रोकने को लेकर उत्पन्न हुआ विवाद अब बढ़ता ही जा रहा है। रविवार को कांग्रेस के अग्रिम संगठन एनएसयूआइ के कार्यकर्ताओं ने छात्रों को नमाज अदा करने से रोकने वाले शिक्षक और सुरक्षाकर्मी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक बताया। एनएसयूआइ के जिला अध्यक्ष राजेश चौधरी ने कहा कि शिक्षक और सुरक्षाकर्मी को बर्खास्त किया जाना चाहिए। वह दोनों आरएसएस के स्वयंसेवक हैं और शाखा में जाते हैं। इन दोनों ने सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए तीन छात्रों को नमाज अदा करने से रोका है। चौधरी ने कहा कि कालेज में सभी धर्मों के छात्र पढ़ते हैं, लेकिन सिर्फ एक धर्म विशेष के छात्रों को प्रताड़ित किया जाना गलत है।

जानें, क्या है मामला

वहीं, दूसरी तरफ भाजपा के छात्र संगठन एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने कालेज परिसर में नमाज अदा करने पर विरोध जताया है। एबीवीपी के प्रदेश मंत्री हुशियार मीणा ने रविवार को फिर कहा कि कालेज परिसर में कुछ असामाजिक तत्व माहौल बिगाड़ना चाहते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। पहले कभी भी कालेज परिसर में नमाज अदा नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि यदि इस मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन किया जाएगा। उधर, मुस्लिम परिषद के अध्यक्ष यूनुस चोबदार ने कहा कि शिक्षक और सुरक्षाकर्मी ने नमाज अदा करने वाले छात्रों को परेशान किया, जो गलत है। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को राजस्थान कालेज परिसर में तीन छात्र नमाज अदा कर रहे थे। इसी बीच, एक शिक्षक और सुरक्षाकर्मी ने उन्हें ऐसा करने से रोका था। बाद में इस मामले ने तूल पकड़ लिया। इस मामले में कालेज प्राचार्य और यूनिवर्सिटी के कुलपति से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन दोनों ने ही कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।

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