Alwar Mob Lynching: पहलू खान मामले में 14 अगस्त को सुनाया जाएगा फैसला
Alwar Mob Lynching. राजस्थान के अलवर मॉब लिंचिंग मामले में अलवर अपर जिला व सेशन न्यायाधीश संख्या-1 की अदालत में दोनों पक्षों की ओर से अंतिम बहस पूरी की गई।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के कथित गोतस्कर पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में अलवर अपर जिला व सेशन न्यायाधीश संख्या-1 डॉ. सरिता स्वामी की अदालत में दोनों पक्षों की ओर से अंतिम बहस पूरी की गई। अदालत ने फैसला सुनाए जाने के लिए 14 अगस्त की तारीख तय की है। सरकारी अपर लोक अभियोजक योगेंद्र सिंह खटाना ने बताया कि प्रकरण का ट्रायल एडीजे कोर्ट बहरोड़ में शुरू हुआ था। बाद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मामले को अलवर की अपर जिला व सेशन न्यायाधीश संख्या-1 की अदालत में सुनवाई के लिए स्थानांतरित किया गया।
सुनवाई के दौरान 44 अभियोजन साक्षियों के बयान दर्ज करवाए गए। इस मामले में पुलिस की ओर से नौ आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किए गए। इनमें से दो आरोपित बाल अपचारी होने के कारण उनके विरुद्ध सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड में चल रही है। वहीं, पांच आरोपितों विपिन यादव, रविंद्र कुमार, कालूराम, दयानंद व योगेश कुमार के विरुद्ध अदालत में चालान पेश किया था। शेष दो आरोपितों भीमराठी व दीपक उर्फ गोलू के खिलाफ बाद में चालान पेश किया गया।
2017 में की गई थी मारपीट
गौरतलब है कि एक अप्रैल, 2017 को हरियाणा के नूहं मेवात जिले के जयसिंहपुर निवासी पहलू खान अपने दो बेटों इरशाद और आरिफ के साथ पिकअप गाड़ी में जयपुर के पशु हटवाड़ा से दो गाय खरीद कर अपने घर ले जा रहा था। शाम करीब सात बजे बहरोड़ पुलिया से आगे निकलने पर भीड़ ने पिकअप गाड़ी को रुकवा कर पहलू व उसके बेटों से मारपीट की थी। थोड़ी देर बाद पीड़ित पक्ष की दूसरी पिकअप गाड़ी भी मौके पर आ गई थी, जिसमें तीन गायों के साथ अजमत और रफीक नाम के व्यक्ति बैठे थे। उनके साथ भी मारपीट की गई। मारपीट में पहलू खान गंभीर रूप से घायल हुआ था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने पहलू खान को बहरोड़ के एक अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने इलाज के दौरान पहलू खां के पर्चा बयान लिए थे। इस आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया था। अलवर और जयपुर से लेकर दिल्ली तक यह मामला उठा था। तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार को इस मामले के कारण देशभर में आलोचना झेलनी पड़ी थी। इस प्रकरण के बाद अलवर और भरतपुर जिलों में मॉब लिंचिंग की कई घटनाएं सामने आईं। इन घटनाओं को देखते हुए सरकार ने पिछले दिनों विधानसभा में मॉब लिंचिंग कानून पारित कराया है।
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