राजस्थान के सीएम ने विस में पेश किया लेखानुदान, वसुंधरा सरकार को प्रदेश की बदहाली के लिए जिम्मेदार ठहराया
rajasthan government. राजस्थान की गललोत सरकार ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए लेखानुदान पेश किया।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान सरकार ने बुधवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए लेखानुदान पेश किया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक अप्रैल से 31 जुलाई के चार माह का लेखानुदान पेश किया। लोकसभा चुनाव निकट होने के कारण पूरा बजट 31 मार्च तक पारित होना मुश्किल था, इसलिए सरकारी खर्चों के लिए लेखानुदान लिया गया। इस दौरान गहलोत ने जहां कुछ घोषणाएं की, वहीं पिछली वसुंधरा राजे सरकार को प्रदेश की आर्थिक बदहाली के लिए जिम्मेदार भी ठहराया।
उन्होंने कहा पिछली सरकार के कुशासन ने राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार दिया। लेकिन अब आर्थिक प्रगति के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।सरकार गरीबी और बेरोजगारी के अभिशाप से मुक्ति का संकल्प लेती है। गहलोत ने कहा कि पिछली सरकार बड़ा कर्ज छोड़ गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश पर कुल लोन 3 लाख 9 हजार 385 करोड़ रूपए और राजस्व घाटा 24 हजार 824 करोड़ 91 लाख रुपये हैं।
अशोक गहलोत की घोषणाएं
लेखानुदान पेश करते हुए वैसे तो सत्ता में आने के बाद ही गई किसान कर्ज माफी, किसानों को पेंशन और बेरोजगारी भत्ते जैसी घोषणों की चर्चा की, लेकिन कुछ नई घोषणाएं भी की। इनमें निम्न प्रमुख हैं-
1. छात्राओं को सरकारी कॉलेज और विश्वविद्यालाओं में निशुल्क शिक्षा दी जाएगी।
2. बेणेश्वर धाम विकास बोर्ड के गठन की घोषणा भी की। बेणेश्वर धाम आदिवासियों का बड़ा तीर्थ है।
3. आपदा राहत का पैसा सीधे बैंक खातों में पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी।
4. 75 साल से अधिक उम्र वालों को 1000 रुपए पेंशन दी जाएगी ।
5. निशुल्क दवा योजना का दायरा बढ़ाया जाएगा। कैंसर और ह्दय रोग की दवाइयां उपलब्ध होगी।
6.. 600 नए दवा वितरण केंद्र खोले जाएंगे
7. सरकार निर्यात को बढ़ा नवीन उद्योग नीति लागू करेगी
8. इंदिरा गांधी फीडर में मरम्मत के लिए 812 करोड़ के काम प्रस्तावित
9. 20 हजार ग्राम पंचायतों में वाईफाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
10. नरेगा में नियोजित श्रमिक बढ़े
11. नई उद्योग एवं निवेश नीति और कृषि प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना के लिए नीति बनाई जाएगी।
12. इंदिरा गांधी फीडर मुख्य नहर के जीर्णोद्धार के लिए 812 करोड़ रूपए खर्च होंगे।
यह होता है लेखानुदान
लेखानुदान के तहत वेतन, पेंशन, जिला प्रशासन, न्याय प्रशासन, निर्वाचन व कंटिनजेंसी पर पैसा खर्च करने के लिए विधानसभा से मंजूरी ली जाती है। करीब चार महीने के लिए यह लेखानुदान लिया जाएगा। लोकसभा चुनावों के बाद सरकार जून या जुलाई में पूरा बजट ला सकती है। हालांकि लेखानुदान में भी वित्त विभाग संपूर्ण बजट ही तैयार करता है लेकिन इसमें घोषणाओं वाले हिस्से को शामिल नहीं किया जाता। इसमें सरकार विधानसभा को पूरे वित्त वर्ष में होने वाली आय व व्यय के अनुमान पेश करती है।