एक हजार साल पुरानी विरासत को देख चकित हुए बच्चे

भारतीय सांस्कृतिक निधि (इन्टैक) तथा सूचना केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में उदयपुर में शुरू हुई विरासत संबंधित चित्र प्रदर्शनी के तहत भी बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने लुत्फ उठाया

By Preeti jhaEdited By: Publish:Thu, 07 Nov 2019 11:08 AM (IST) Updated:Thu, 07 Nov 2019 11:08 AM (IST)
एक हजार साल पुरानी विरासत को देख चकित हुए बच्चे
एक हजार साल पुरानी विरासत को देख चकित हुए बच्चे

उदयपुर, जेएनएन। भारतीय सांस्कृतिक निधि (इन्टैक) तथा सूचना केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में उदयपुर में शुरू हुई विरासत संबंधित चित्र प्रदर्शनी के तहत बुधवार को भी बड़ी संख्या में विद्यार्थियों और शहरवासियों ने लुत्फ उठाया। एक हजार साल पुरानी विरासत को देख चकित हुए बच्चे।

सूचना केन्द्र की कलादीर्घा में आयोजित हो रही इस प्रदर्शनी में बुधवार को शहर के विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों ने इंटैक की विरासत संरक्षण यात्रा के साथ बांसवाड़ा के पुरातात्विक महत्ता के स्थानों की जानकारी ली। इनमें एक हजार साल पुराने अरथूना की दुर्लभ प्रस्तर शिल्प आकृतियों के छायाचित्रों को देखकर उन्होंने आश्चर्य जताया। बच्चों ने इन छायाचित्रों में अरथूना के मंदिर की दीवारों पर उकेरी गई शास्त्रीय नृत्य आधारित मूर्तियों को पसंद किया। साथ ही इनके बारे में जानकारी भी संकलित की। 

भारतीय सांस्कृतिक निधि (इन्टैक) के उदयपुर चेप्टर के संयोजक डॉ. बी.पी. भटनागर, पर्यावरणविद् प्रो. महेश शर्मा व सहसंयोजक गौरव सिंघवी ने प्रदर्शित विषयवस्तु की जानकारी प्रदान की।   डॉ. भटनागर ने बताया कि चित्र प्रदर्शनी में इंटैक की 35 वर्षों की जीवन यात्रा (1984-2019) के साथ-साथ वागड़ अंचल में दसवीं शताब्दी के पुरातात्विक महत्ता के स्थान अरथूना की सांस्कृतिक विरासत पर प्रो. महेश शर्मा द्वारा सहेजे चित्रों को प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने बताया कि सांस्कृतिक विरासत का दिग्दर्शन कराने वाली इस बहुरंगी प्रदर्शनी का समापन 11 नवंबर को होगा।

पांच तारीख तक किराया नहीं दिया तो देना होगा ब्याज

देवस्थान विभाग ने जारी किए किराया वसूली के नए आदेश, तीन महीने तक किराया जमा नहीं कराने वालों को माना जाएगा दोषी, बेदखली के साथ होगी सजा उदयपुर। देवस्थान विभाग ने अपनी संपत्ति की किराया वसूली के तहत नए आदेश जारी किए हैं। जिसके तहत अब पांच तारीख तक किराया नहीं दिए जाने की स्थिति में किराएदार को ब्याज सहित राशि जमा करानी होगी। वहीं तीन माह तक किराया जमा नहीं कराए जाने पर उसे दोषी माना जाएगा और उसे बेदखल कर उसे सजा दिलाने के लिए कार्रवाई की जाएगी।

देवस्थान विभाग के अतिरिक्त आयुक्त ओ.पी.जैन ने बुधवार को विभाग के समस्त सहायक आयुक्तों को देवस्थान विभाग के अधीन सम्पतियों का बकाया किराया वसूलने के निर्देश दिए हैं। जिनमें जयपुर, जोधपुर, कोटा, भरतपुर, वृन्दावन, बीकानेर, अजमेर, हनुमानगढ़, उदयपुर व ऋषभदेव के सहायक आयुक्त शामिल हैं। जैन ने बताया कि समस्त विभागीय अधिकारियों को प्रतिमाह इन सम्पतियों का बकाया किराया वसूली के साथ यह तय करना होगा कि अब हर माह की पांच तारीख को किराया जमा कराना आवश्यक होगा। इस तारीख के बाद विभाग किराएदारों से 15 प्रतिशत ब्याज वसूलेगी।

वहीं नियमित रूप से तीन माह तक किराया जमा नहीं कराए जाने वाले किराएदार को दोषी माना जाएगा। उसकी

किरायेदारी खत्म किए जाने के साथ उसके खिलाफ राजस्थान सरकारी स्थान अप्राधिकृत अधिभोगियों की बेदखली अधिनियम 1964 के तहत कार्रवाई की जाएगी। लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ होगी 17 सीसी की कार्रवाई जैन ने किराए की वसूली मामले में लापरवाही करने वाले अधिकारियों को चेताया है। उन्होंने कहा कि जो इस काम में लापरवाही बरतेगा, उसके खिलाफ सीसीए नियम 17 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए विभाग संबंधित निरीक्षकों को आदेश दिए हैं कि वह विभागीय संपत्ति से किराए वसूली के कार्य को प्राथमिकता से करें तथा प्रतिमाह प्रगति रिपोर्ट विभाग के आयुक्तालय को भिजवाएं। 

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