मौताणे को लेकर फिर शव की बेकद्री

राजस्थान के आदिवासी क्षेत्र उदयपुर के कोटड़ा में एक मासूम के शव का मौत के 11 दिन बाद शनिवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sun, 01 Jan 2017 03:10 AM (IST) Updated:Sun, 01 Jan 2017 03:28 AM (IST)
मौताणे को लेकर फिर शव की बेकद्री

जयपुर [ नरेन्द्र शर्मा ] । राजस्थान के आदिवासी क्षेत्र उदयपुर के कोटड़ा में एक मासूम के शव का मौत के 11 दिन बाद शनिवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। शव को 11 दिन से एक चारपाई पर रखकर पेड़ पर लटका रखा था। शव दस फीट ऊंचाई पर लटकर रहा और परिजन इतने दिन तक उसके पास ही बैठे रहे। परिजनों ने मौताणे के इंतजार में शव को चारपाई पर रख कर पेड़ पर लटका रखा था। प्रशासन और पुलिस के समझाने पर परिजन आज अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए।

जानकारी के अनुसार 20 दिसंबर को कोटड़़ा से सटे गुजरात के खेराज में दो जीप आमने-सामने भिड़ी थी। इस एक्सीडेंट में एक जीप में सवार उदयपुर में कोटडा के छह वर्षीय बालक राहुल की मौत हो गई जबकि उसके माता-पिता घायल हो गए। बच्चे की मौत पर उसके परिजनों ने मौताणे की मांग करते हुए शव चारपाई पर रख पेड़ से लटका दिया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान और गुजरात के आदिवासी इलाकों में किसी भी अस्वाभाविक या अप्राकृतिक मौत पर कथित दोषी अथवा अपराधी से मौताणा यानि मौत का मुआवजा वसूलने की प्रथा हे। इस प्रक्रिया में दोनों पक्षों की तरफ से सौदेबाजी होती है। कई बार तो मौताणा की रकम तय होने तक शव का अंतिम संस्कार तक नहीं किया जाता। उदयपुर जिले के कोटड़ा के बालक राहुल के मामले में भी यही हुआ।

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हादसे के बाद से राहुल के परिजन और कथित दोषी पक्ष में मौताणे को लेकर मोल-भाव करते रहे। 10 दिन तक राहुल की लाश की सौदेबाजी चलती रही। बातचीत के बाद मृतक के अंतिम संस्कार के लिए 30 हजार रुपए जीप मालिक पक्ष की ओर से मृतक को दिए गए। इसके बाद भी विवाद होता रहा तो 11वें दिन शनिवार को कोटड़ा थाने को इसकी सूचना दी गई। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने मृतक के परिजन को समझाया तब जाकर वो लोग अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए। थानाधिकारी रणजीत सिंह ने बताया कि हादसा गुजरात में हुआ। मामला भी वहीं दर्ज किया गया है।

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