भाजपा का लोकतंत्र में यकीन नहीं : गहलोत

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गोवा और मणिपुर में कांग्रेस को सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद सत्ता से दूर रहने पर कहा है कि भाजपा एक फासिस्ट पार्टी है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Wed, 15 Mar 2017 06:37 AM (IST) Updated:Wed, 15 Mar 2017 06:45 AM (IST)
भाजपा का लोकतंत्र में यकीन नहीं : गहलोत
भाजपा का लोकतंत्र में यकीन नहीं : गहलोत

जयपुर, जागरण संवाद केन्द्र। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गोवा और मणिपुर में कांग्रेस को सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद सत्ता से दूर रहने पर कहा है कि भाजपा एक फासिस्ट पार्टी है, लोकतंत्र में इसका कोई यकीन नहीं है, लोकतंत्र का सिर्फ मुखौटा पहनकर सत्ता में आए हैं, तानाशाही इनकी फितरत है। आज देश में भय का माहौल है, चाहे उद्योगपति हों, व्यापारी हों या आम आदमी, सभी भय में जी रहे हैं। यह लोकतंत्र की अच्छी परंपरा नहीं है।

 गहलोत ने यहां पत्रकारों से कहा कि गोवा और मणिपुर में कांग्रेस के सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बावजूद जारी प्रक्रियाओं और परंपराओं को तोड़-मरोड़कर फैसले किए जा रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने इस संदर्भ में वर्ष 1989 का हवाला दिया, जब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 197, जनता दल को 143 और भाजपा को 83 सीटें मिली थीं। सबसे बड़े दल के रूप में कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए बुलाया गया था, लेकिन तब राजीव गांधी ने यह कहते हुए सरकार बनाने से इनकार कर दिया था कि जनादेश हमारे खिलाफ है, इसलिए हम सरकार नहीं बनाएंगे। इसके बाद वी.पी. सिंह को अवसर दिया गया था। कांग्रेस की लोकतंत्र में आस्था और नैतिकता का यह एक सबसे बड़ा उदाहरण हे।

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 उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश चुनाव में भाजपा ने 403 सीटों के लिए एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारकर ध्रुवीकरण की शुरुआत तो वहीं से कर दी थी। ये बात अलग है कि भाजपा अपने प्रवक्ताओं के रूप में मुस्लिम चेहरों को आगे रखकर यह बताने का प्रयास करती है कि हम हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सबको साथ लेकर चलते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा ही ध्रुवीकरण बसपा प्रमुख मायावती ने भी किया। उन्होंने भी जान-बूझकर 100 टिकट माइनोरिटी को दे दिए। उत्तरप्रदेश में चुनाव जीतने के बाद तो अब भाजपा में और घमंड आ गया है, इसका नुकसान उनको भी हैं और देश को भी है।

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