Rajasthan: असदुद्दीन ओवैसी ने दिया बीटीपी को साथ आने का न्यौता

Rajasthan राजस्थान में कांग्रेस और भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के बीच बढ़ी दूरी के बाद अब एआइएमआइएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने प्रदेश में सक्रिय होने की मंशा जताई है। डूंगरपुर जिला प्रमुख चुनाव में बीटीपी प्रत्याशी को हराने के लिए कांग्रेस और भाजपा एक साथ आई थी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 14 Dec 2020 07:21 PM (IST) Updated:Mon, 14 Dec 2020 07:21 PM (IST)
Rajasthan: असदुद्दीन ओवैसी ने दिया बीटीपी को साथ आने का न्यौता
असदुद्दीन ओवैसी का बीटीपी को साथ आने का न्यौता। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में डूंगरपुर जिला प्रमुख के चुनाव को लेकर कांग्रेस और भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के बीच बढ़ी दूरी के बाद अब एआइएमआइएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने प्रदेश में सक्रिय होने की मंशा जताई है। डूंगरपुर जिला प्रमुख चुनाव में बीटीपी प्रत्याशी को हराने के लिए कांग्रेस और भाजपा एक साथ आई थी। दोनों को आदिवासी इलाकों में बीटीपी के बढ़ते प्रभाव से अपने वोट बैंक के नुकसान का भय है। इस मामले को लेकर ओवैसी ने कांग्रेस-भाजपा पर निशाना साधा है। ओवैसी ने ट्वीट करके कांग्रेस और भाजपा को एक बताते हुए बीटीपी को किंगमेकर बताया है। इसके साथ ही इस संघर्ष में बीटीपी साथ देने की बात कहकर गठबंधन की मंशा जताई है।

औवेसी ने बीटीपी के अध्यक्ष छोटू भाई वासवा के ट्वीट के जवाब में लिखा कि वसावा जी कांग्रेस आपको और मुझको सुबह-शाम विपक्षी एकता का पाठ पढ़ाएगी, लेकिन खुद जनेऊधारी एकता से ऊपर नहीं उठेगी। ये दोनों एक हैं। आप कब तक इनके सहारे चलोगे। क्या आपकी स्वतंत्र सियासी ताकत किसी किंगमेकर होने से कम है। उम्मीद है आप जल्द ही एक सही फैसला लेंगे। हिस्सेदारी के इस संघर्ष में हम आपके साथ हैं। कांग्रेस से मतभेद के बाद वासवा ने कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ ट्वीट किया था। औवेसी बीटीपी नेताओं से बातचीत के भी इच्छुक है। यह बात प्रदेश के वरिष्ठ मुस्लिम नेताओं ने बताई है। इन नेताओं का कहना है कि कांग्रेस मुस्लिम समाज के सही संख्या में टिकट नहीं देती है। इस कारण प्रदेश का मुस्लिम समाज औवेसी के साथ जा सकता है। 

गौरतलब है कि कांग्रेस के सियासी संकट के दौरान अशोक गहलोत सरकार को बचाने वाली भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने समर्थन वापस ले लिया है। पार्टी के दोनों विधायकों राजकुमार रोत व रामप्रसाद ने शुक्रवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष और गुजरात के विधायक महेश वसावा से समर्थन वापसी की अधिकारिक घोषणा करने के लिए कहा। इस पर पार्टी नेतृत्व ने गहलोत सरकार से समर्थन वापस ले लिया। पार्टी के दोनों विधायकों ने पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थकों की बगावत के समय गहलोत सरकार का समर्थन दिया था। राज्यसभा चुनाव में भी दोनों विधायक कांग्रेस के साथ रहे और केसी वेणुगोपाल व नीरज डांगी के पक्ष में मतदान किया था, लेकिन बृहस्पतिवार को हुए जिला परिषद चुनाव के बाद पार्टी ने कांग्रेस से समर्थन वापसी का फैसला कर लिया। हालांकि गहलोत सरकार पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

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