राजस्थान के करौली में एंबुलेंस नहीं मिली तो पत्नी के शव को ठेलागाड़ी पर ले गया

एक व्यक्ति को अस्पताल से शव को घर ले जाने के लिए वाहन नहीं मिला तो उसको अपनी पत्नी के शव को ठेले पर रखकर घर लाना पड़ा। अस्पताल प्रशासन से एंबुलेंस की मांग की तो डॉक्टरों ने कहा कि एंबुलेंस मरीज के लिए होती है मृतक के लिए नहीं।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Thu, 19 Nov 2020 01:45 PM (IST) Updated:Thu, 19 Nov 2020 01:45 PM (IST)
राजस्थान के करौली में एंबुलेंस नहीं मिली तो पत्नी के शव को ठेलागाड़ी पर ले गया
मृतक पत्नी के शव को ठेलागाड़ी में घर ले गया

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में करौली जिले के हिंडौन सिटी में बुधवार देर रात एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जो दिल को झकझोर देने वाली तो थी ही साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं पर प्रश्न चिह्न भी खड़ा कर रही थी।

दरअसल, यहां एक व्यक्ति को अस्पताल से शव को घर ले जाने के लिए वाहन नहीं मिला तो उसको अपनी पत्नी के शव को ठेले पर रखकर घर लाना पड़ा। फतेहपुर सीकरी निवासी बबलू पत्नी और दो बच्चों के साथ हिंडौन के सुखदेव पुरा में किराए के मकान में रहकर सिलाई का काम करता है।

बुधवार को अचानक उसकी पत्नी सरोज (34) को उल्टी हुई तो वह उसे ठेला गाड़ी से अस्पताल लाया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। अस्पताल से जब गोद में लेकर पत्नी के शव को लाया तो बाहर ठेलागाड़ी पर मां की राह देख रहे बच्चे मां के शव से लिपट गए और जगाने लगे, लेकिन उन्हें पता नहीं था कि उनकी मां की मौत हो चुकी है ।

बबलू ने अस्पताल प्रशासन से एंबुलेंस की मांग की तो डॉक्टरों ने उसे कहा कि एंबुलेंस मरीज के लिए होती है मृतक के लिए नहीं। मृतक के लिए शव वाहन होता है जो इस अस्पताल में नहीं है। इस पर परेशान बबलू अपनी पत्नी को ठेलागाड़ी में ही घर तक ले कर गया। उसके दोनों बच्चे भी उसी ठेला गाड़ी पर बैठे थे। इस बारे में अस्पताल प्रशासन से बात करने का प्रयास किया गया तो प्रभारी ने किसी भी तरह की जानकारी देने से इंकार कर दिया। यह एक ऐसी घटना है जो दिल को झकझोर देने वाली तो थी ही साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं पर प्रश्न चिह्न भी खड़ा कर रही थी।

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