Coronavirus: राजस्थान में कोरोना के 2144 नए मामले और 14 की मौत

Coronavirus राजस्थान में अब तक एक लाख 59 हजार 52 कोरोना वायरस संक्रमित मिल चुके हैं। वहीं कुल 1650 लोगों की मौत हुई है। एक्टिव केसों की संख्या 21412 है। रविवार को जयपुर में 389 पॉजिटिव केस मिले।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 11 Oct 2020 07:44 PM (IST) Updated:Sun, 11 Oct 2020 09:32 PM (IST)
Coronavirus: राजस्थान में कोरोना के 2144 नए मामले और 14 की मौत
राजस्थान में एक्टिव केसों की संख्या 21,412 है।

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में रविवार को 2144 कोरोना संक्रमित मिलने के साथ ही 14 लोगों की मौत हो गई है। प्रदेश में अब तक एक लाख 59 हजार 52 संक्रमित मिल चुके हैं। वहीं, कुल 1650 लोगों की मौत हुई है। एक्टिव केसों की संख्या 21,412 है। रविवार को जयपुर में 389 पॉजिटिव केस मिले। उधर, कोरोना की स्थिति को देखते हुए अशोक गहलोत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब कोरोना वायरस से जंग में रेजीडेंट डॉक्टरों की भी मदद ली जाएगी। सरकार ने सीनियर व जूनियर रेजीडेंट चिकित्सकों की सभी अस्पतालों में सेवाएं लेने का निर्णय लिया है। प्रदेश के सभी चिकित्सालयों में रेजीडेंट डॉक्टरों की सेवाएं ली जा सकेंगी। कोरोना की परिस्थिति को देखते हुए प्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में कार्यरत रेजीडेंट और सीनियर रेजीडेंट चिकित्सकों को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल व माइक्रोबॉयोलॉजी लैब में प्रेक्टिल एक्सपीरियंस लेना जरूरी होगा।

इस संबंध में चिकित्सा विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोडा ने आदेश जारी किए हैं। आदेश के मुताबिक, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और नियंत्रक अपने यहां कार्यरत सभी रेजीडेंट डॉक्टरों की सेवाएं रोटेशन के आधार पर आठ सप्ताह के लिए कॉलेज से सबंधित कोविड हॉस्पिटल व अन्य चिकित्सा संस्थान में ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त राज्य के किसी भी सामान्य चिकित्सालय, माइक्रोबॉयोलॉजी लैब व सैटलेलाइट अस्पतालों में भी सीनीयर व जूनियर रेजीडेंट चिकित्सों की सेवाएं ली जा सकेंगी। रेजीडेंट व सीनीयर रेजीडेंट की ऐसी सेवाओं को उनके पाठ्यक्रम का हिस्सा माना जाएगा। 

राजस्थान में शनिवार को 2123 कोरोना पॉजिटिव केस मिलने के साथ 15 लोगों की मौत हुई। प्रदेश में अब तक एक लाख 56 हजार 908 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं । वहीं 1636 लोगों की मौत हुई है। एक्टिव केसों की संख्या 21,354 है । लगातार संक्रमण बढ़ने के बावजूद कम सैंपलिंग होना चिंता का विषय बना हुआ है। अब तक सिर्फ 11 जिलों में ही टेस्टिंग का आंकड़ा एक लाख के पार गया है। इनमें भी आठ जिलों में यह आंकड़ा डेढ़ लाख के ही नीचे है।

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