उदयपुर के केंद्रीय कारागृह में कैदियों से मिले 14 मोबाइल

Udaipur Central Jail. उदयपुर के केंद्रीय कारागृह में पुलिस ने विभिन्न बैरकों से चौदह मोबाइल बरामद किए हैं।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Mon, 05 Aug 2019 01:30 PM (IST) Updated:Mon, 05 Aug 2019 01:30 PM (IST)
उदयपुर के केंद्रीय कारागृह में कैदियों से मिले 14 मोबाइल
उदयपुर के केंद्रीय कारागृह में कैदियों से मिले 14 मोबाइल

उदयपुर, जेएनएन। यहां केंद्रीय कारागृह में रविवार को उदयपुर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की। कैदियों की तलाशी अभियान के दौरान पुलिस ने चौदह मोबाइल बरामद किए हैं। इससे जेल में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। पहले भी इसी तरह की कार्रवाई के दौरान मोबाइल बरामद होने पर जेल प्रबंधन ने कड़ाई की बात कही थी।

उदयपुर के उदयापोल स्थित केंद्रीय कारागृह में रविवार को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपाल स्वरूप मेवाड़ा के निर्देशन में तलाशी अभियान की शुरुआत की गई थी। इसमें शहर के चार पुलिस उपाधीक्षक सहित लगभग ढाई सौ पुलिस के जवानों को एक साथ जेल की सभी बैरकों की तलाशी करने को कहा। इससे जेल में अफरातफरी का माहौल बन गया। पुलिस ने विभिन्न बैरकों से चौदह मोबाइल बरामद किए हैं। जिसको लेकर जेल प्रबंधन के उस दावे को झटका लगा है, जिसने कुछ महीने पहले जेल में पुलिस की कार्रवाई के बाद बरामद मोबाइल व अन्य नशीले पदार्थों को लेकर दावा किया कि जेल में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और सीसीटीवी फुटेज लगाकर समूचे जेल में निगाह रखी जा रही है।

इधर, पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जेल में रहते हुए बंदियों के लोगों को डराने-धमकाने की सूचना के बाद जेल में जांच का निर्णय लिया गया। इधर, जेल प्रबंधन की निष्ठा पर पुलिस की इस कार्रवाई ने सवाल खड़े कर दिए हैं। बताया गया कि जेल में बंदियों से पैसा लेकर उन्हें नशीला पदार्थ पहुंचाने का भी गोरखधंधा भी जारी है। जेल में बड़ी तादाद में गुटखा तथा अन्य नशीला पदार्थ भी बरामद हुआ है।

जेल में लगे होमगार्ड को नहीं मिला छह माह से वेतन

सेंट्रल जेल में सुरक्षा व्यवस्था के लिए लगे होमगार्ड को जनवरी से वेतन नहीं मिला है। यहां रोटेशन में होमगार्ड की सेवाएं एक से दो महीने तक ली जाती है। जिन होमगार्ड ने जनवरी या फरवरी में सेवाएं दीं, उन्हें अभी तक जेल प्रशासन ने वेतन नहीं मिला है। इसके साथ ही बॉर्डर होमगार्ड का भी वेतन नहीं मिला है। होमगार्ड के डिप्टी कमांडेंट प्रणय जसोरिया के मुताबिक, जेल प्रशासन ने बजट की समस्या का हवाला देते हुए उन्हें टाला हुआ है।

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