राजस्थान सरकार ने वापस ली सिलेंडर पर दी जा रही सबसिडी

जयपुर [ब्यूरो]। पंचायत चुनाव खत्म होते ही राजस्थान सरकार ने प्रदेश की जनता को घरेलू सिलेंडर पर मिल र

By Edited By: Publish:Wed, 11 Feb 2015 06:38 AM (IST) Updated:Wed, 11 Feb 2015 02:34 AM (IST)
राजस्थान सरकार ने वापस ली सिलेंडर पर दी जा रही सबसिडी

जयपुर [ब्यूरो]। पंचायत चुनाव खत्म होते ही राजस्थान सरकार ने प्रदेश की जनता को घरेलू सिलेंडर पर मिल रही 25 रुपए की सबसिडी वापस ले ली है। यह सबसिडी पिछली कांग्रेस सरकार ने शुरू की थी। इससे पहले राजस्थान सरकार पेट्रोल और डीजल पर वैट भी ब़़ढा चुकी है।

मौजूदा भाजपा सरकार के समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में काफी कमी आई है और इसके चलते राजस्थान सरकार की पेट्रोलियम पदार्थो से वैट के जरिए होने वाली आय काफी कम हो गई है।

वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार प्रति माह वैट में 60 से 80 करो़़ड रुपए का नुकसान हो रहा है। यही कारण था कि सरकार ने कुछ समय पहले पेट्रोल और डीजल पर दो प्रतिशत वैट ब़़ढा दिया था। अब इसी घाटे को पूरा करने के लिए सरकार ने सिलेंडर पर मिल रही 25 रुपए की सबसिडी खत्म कर दी है। इससे सरकार को 202 करोड़ रुपए का फायदा होने की संभावना बताई जा रही है।

सूत्रों का कहना है कि सरकार यह फैसला काफी पहले लेने की तैयारी कर रही थी, लेकिन राजस्थान में पंचायत चुनाव के कारण इसे रोका गया था।

मेट्रो के लिए खुदाई से ढहे ऐतिहासिक बरामदे

जयपुर [ब्यूरो]। जयपुर के ऐतिहासिक परकोटा क्षेत्र में चल रही मेट्रो ट्रेन के लिए खुदाई से यहां बाजारों के बाहर बने रियासतकालीन बरामदों में दरारें आ गई हैं और दो दुकानों के आगे के बरामदे ढह भी गए हैं।

जयपुर के परकोटा क्षेत्र के बाजार अपनी स्थापत्य कला, गुलाबी रंग और बरामदों के कारण पूरी दुनिया में पहचान रखते हैं। यहां के सभी बाजारों में दुकानों के आगे बरामदे बने हुए हैं, जिनमें राहगीर पैदल चलते हुए खरीदारी कर सकते है। लंबे समय तक इन बरामदों पर अतिक्रमण था, जिन्हें कांग्रेस सरकार के 1998-2003 के कार्यकाल के बीच खाली कराया गया था। अतिक्रमण हटने के बाद से ये बरामदे अपने मूल स्वरूप में लौट आए थे। अब इन बरामदों पर संकट आ गया है। जयपुर के परकोटा क्षेत्र में छह माह से मेट्रो का काम चल रहा है और परकोटे के ब़़डे क्षेत्र में यातायात बाधित है। यहां जमीन से 70 फीट नीचे खुदाई चल रही है। ऐतिहासिक चैपड़ों को पहले ही तोड़ा जा चुका है। अब दो बरामदे ढह गए हैं और कइयों में दरारें आ गई हैं। जयपुर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के सीएमडी निहाल चंद गोयल का कहना है कि बरामदों में हुए हादसे के बाद अब योजना बदली जा रही है।

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