पंचायतों ने संभाला मोर्चा, नेगेटिव रिपोर्ट के साथ ही होगी गांव में एंट्री

कोरोना की दूसरी लहर में ग्रामीण क्षेत्र में अधिक असर देखने को मिल रहा है। इन क्षेत्रों में मरने वालों की संख्या अधिक है। इसके अलावा कोरोना की चपेट में आने वाले युवा वर्ग अधिक है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 09:00 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 09:00 PM (IST)
पंचायतों ने संभाला मोर्चा, नेगेटिव रिपोर्ट के साथ ही होगी गांव में एंट्री
पंचायतों ने संभाला मोर्चा, नेगेटिव रिपोर्ट के साथ ही होगी गांव में एंट्री

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : कोरोना की दूसरी लहर में ग्रामीण क्षेत्र में अधिक असर देखने को मिल रहा है। इन क्षेत्रों में मरने वालों की संख्या अधिक है। इसके अलावा कोरोना की चपेट में आने वाले युवा वर्ग अधिक है। कोरोना के बढ़ रहे प्रभाव का मुकाबला करने के लिए अब जिले की पंचायतों ने खुद कमान संभालते हुए अपने-अपने गांवों को सील करने का फैसला किया है। अब जरूरी काम से यदि किसी को गांव में दाखिल होना है तो इससे पहले अपनी कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी।

भैणों ते भरावो, तुसीं तां जाणदे ही ओ, कोरोना लगातार वध रिहा है, पहला कोरोना शहरां तक सीमित सी, पर हुण साडे पिडा विच्च वी केस वध रहे ने, कई दिनां तो कोरोना नाल मौतां हो रहिआ ने। श्मशानघाटां विच्च चितावा बलदिया वेख के मन डोल रिहा है..। ये बोल गांव पंडोरी गोला के सरपंच पलविदर सिंह बब्बू ने गुरुद्वारा साहिब के स्पीकर से जब ग्रामीणों को बोले तो पहले तो सभी हैरान रह गए। फिर पता चला कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से आदेश दिया गया है कि कोरोना से बचाव के लिए पंचायतों को भूमिका निभानी चाहिए। सरपंच पलविदर सिंह बब्बू ने कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए चौपाल पर बैठक की। बैठक में थाना सदर के प्रभारी इंस्पेक्टर प्रभजीत सिंह गिल भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन की ओर से बताया कि कोविड से प्रभावित लोगों को राशन मुहैया करवाया जाएगा। सरपंच पलविदर सिंह बब्बू ने बताया कि उनका पूरा गांव ग्रामीणों ने सील कर लिया है। यदि जरूरी काम के लिए किसी को गांव आना है तो वह पहले अपनी कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट दिखाएगा।

इसी प्रकार गांव कदगिल की पंचायत ने भी फैसला लिया है। सरपंच सविदर सिंह ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए सरकार बहुत कुछ कर रही है, परंतु पंचायतों को भी अपनी जिम्मेदारी निभाने का अवसर मिला है। प्रत्येक ग्रामीण को पंचायत का साथ देते हुए गांवों में ठीकरी पहरा लगाने के लिए तैयार किया गया। गांव बाठ के सरपंच गुरपिदर सिंह, पंच मेवा सिंह, सरदूल सिंह, दलजीत कौर, मनविदर सिंह ने बताया कि गांव को कोरोना से बचाने के लिए ठीकरी पहरा जरूरी है।

गांव देऊ के सरपंच सुखजिदर सिंह ने बैठक करके गांव को सील करने का फैसला लिया। इस फैसले पर ग्रामीणों ने मुहर लगाते हुए गांव से जुड़ने वाले तीनों रास्तों पर ठीकरी पहरा लगा दिया है। गांव भुल्लर के सरपंच तरसेम सिंह ने बताया कि कोविड से बचाव के लिए प्रत्येक ग्रामीण अपनी जिम्मेदारी निभाने का पाबंद रहेगा। गांव अलादीनपुर की महिला सरपंच कंवलजीत कौर ने कहा कि पंचायत के फैसले पर ग्रामीणों ने मुहर लगाई है। इन हिदायतों का होगा पालन

-प्रत्येक गांव में लगाए जाने वाले ठीकरी पहरे पर दो-दो घंटे ड्यूटी दी जाएगी।

-गांव में दाखिल होने वाले लोगों की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट ली जाएगी।

-दूध-दवाइयां, रसोई गैस व अन्य जरूरी वस्तुओं की सप्लाई प्रभावित न हो, इसके लिए गार्डियन आफ गर्वनेंस (जीओजी) की मदद ली जाएगी।

-गांवों की हद को जोड़ने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेड लगाकर उसकी तस्वीर इंटरनेट मीडिया पर डाली जाएगी ताकि और ग्रामीण भी जागरूक हो सके।

-सरकार की हिदायतों के मुताबिक 18 वर्ष की अधिक आयु वाले सभी युवा अपना टीकाकरण करवाएंगे।

-टीकाकरण करवाने के लिए गांव स्तरीय कैंप लगाने के लिए सेहत विभाग की सेवाएं ली जाएगी। जरूरी सेवाओं की सप्लाई रहेगी जारी : एसएसपी ध्रुमन एच निबाले

एसएसपी ध्रुमन एच निबाले कहते है कि कोविड से बचाव के लिए पंचायतों ने जिम्मेदारी संभालकर प्रशंसनीय कदम उठाया है। प्रत्येक गांव की पंचायत यदि इसी प्रकार जिम्मेदारी समझे तो कोरोना का मुकाबला आसानी से किया जा सकता है। एसएसपी ने कहा कि जिन गांवों में ठीकरी पहरे लगाए जा रहे है, उन गांवों में जरूरी सेवाओं की सप्लाई प्रभावित न हो, इसके लिए संबंधित थाना प्रभारियों को आदेश दिए गए है। पंचायतों को दिया जाएगा

सहयोग : डीसी कुलवंत धूरी

डिप्टी कमिश्नर कुलवंत सिंह धूरी कहते है कि कोरोना से बचाव के लिए मास्क पहनना, शारीरिक दूरी का पालन करना, सैनिटाइजर का प्रयोग करना जहां जरूरी है, वहां अब ग्रामीण स्तर पर चौकसी बरतना समय की जरूरत बन चुका है। ग्रामीणों की जिम्मेदारी बनती है कि खुद को और अपने परिवार को कोरोना से बचाव के लिए पंचायतों का सहयोग दिया जाए। ऐसे में जिला प्रशासन पंचायतों को पूरा सहयोग करेगा।

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