किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसान के परिवार को नहीं मिल पा रहा मुआवजा

किसान आंदोलन के दौरान दो फरवरी को गांव चीमा खुर्द के किसान सुरजीत सिंह की मौत हो गई थी। जिसके बाद राज्य सरकार द्वारा मृत किसान के परिवार को मुआवजा देने की घोषणा की गई थी। लेकिन काफी समय बीतने के बाद भी राज्य सरकार द्वारा अपने वादे को पूरा नहीं किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Sep 2021 05:16 PM (IST) Updated:Wed, 01 Sep 2021 05:16 PM (IST)
किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसान के परिवार को नहीं मिल पा रहा मुआवजा
किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसान के परिवार को नहीं मिल पा रहा मुआवजा

जागरण संवाददाता, तरनतारन : कृषि कानूनों की वापसी को लेकर दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान दो फरवरी को गांव चीमा खुर्द के किसान सुरजीत सिंह की मौत हो गई थी। जिसके बाद राज्य सरकार द्वारा मृत किसान के परिवार को मुआवजा देने की घोषणा की गई थी। लेकिन काफी समय बीतने के बाद भी राज्य सरकार द्वारा अपने वादे को पूरा नहीं किया गया है। यह आरोप जम्हूरी किसान सभा, भारतीय किसान सभा (राजेवाल), किसान संघर्ष कमेटी (कोटबुड्ढा), आल इंडिया किसान सभा व सीटीयू ने संयुक्त तौर पर लगाते हुए बुधवार को एसडीएम कार्यालय के समक्ष भूख हड़ताल की।

जम्हूरी किसान सभा के जिला अध्यक्ष दलजीत सिंह दयालपुरा, महासचिव जसपाल सिंह ढिल्लों, हरदीप सिंह मल्ला, हरदीप सिंह रसूलपुर, रेशम सिंह फैलोके, भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के नेता अमृतपाल सिंह जौड़ा, किसान संघर्ष कमेटी (कोटबुड्ढा) के इंद्रजीत सिंह कोट, आल इंडिया किसान सभा के दविदर सिंह सोहल, सुखवंत सिंह दुबली, सीटीयू के जिला अध्यक्ष बलदेव सिंह पंडोरी ने अपने संयुक्त संबोधन में कहा कि दो फरवरी को किसान सुरजीत सिंह की दिल्ली आंदोलन के दौरान मौत हो गई थी। राज्य सरकार द्वारा किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों और मजदूरों के परिवारों को पांच लाख का मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया गया था। परंतु एसडीएम रजनीश अरोड़ा द्वारा हलका विधायक डा. धर्मबीर अग्निहोत्री के इशारे पर मुआवजा राशि की फाइल ही मुकम्मल नहीं की जा रही है। जसपाल सिंह ढिल्लों, बलदेव सिंह पंडोरी व अमृतपाल सिंह जौड़ा ने कहा कि एसडीएम दफ्तर के समक्ष पहले भी कई बार धरने लगाकर प्रशासन को चेतावनी दी जा चुकी है। लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। इस मौके पर खजान सिंह, सुरिदर सिंह, हरभजन सिंह, लखविदर सिंह चीमा, गुरबचन सिंह स्वर्गापुरी, गुरप्रताप सिंह बाठ, मलकीत सिंह, जंग बहादुर सिंह तुड़, अजीत सिंह ढोटा, लक्खा सिंह मन्नण, मोहकम सिंह चीमा आदि मौजूद थे। किसान की पत्नी ने भी सुनाया अपना दुखड़ा

सुरजीत सिंह की पत्नी सरबजीत कौर ने कहा कि एसडीएम रजनीश अरोड़ा द्वारा जानबूझकर डीसी के आदेशों को नजरअंदाज किया जा रहा है। डीसी कुलवंत सिंह द्वारा आदेश दिया गया था कि मामले में फाइल मुकम्मल करके सारे केस को तैयार करके सरकार को भेजा जाए। परंतु एसडीएम का रवैया किसानों के प्रति काफी निदनीय रहा है। सरबजीत कौर ने कहा कि उस पर एक बेटी और एक बेटे की परवरिश का भार है। परंतु प्रशासन मेरा दुख नहीं समझ रहा है। हालांकि एसडीएम रजनीश अरोड़ा कहते है कि कागजी कार्रवाई मुकम्मल न होने के कारण फाइल अभी तक तैयार नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि जानबूझकर फाइल लटकाने के आरोप बेबुनियाद है। हालांकि विधायक डा. धर्मबीर अग्निहोत्री कहते है कि मेरा नाम बिना वजह उछाला जा रहा है। गांव चीमा खुर्द मेरे हलके से संबंधित है। ऐसे में मैं क्यों चाहूंगा कि पीड़ित परिवार को मुआवजा न मिले।

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