पहले आतंकवाद, फिर चिट्टे व अब जहरीले जाम कारण शोक में डूबा गांव पंडोरी गोला

जिस गांव में शिअद और कांग्रेस से संबंधित समर्थक आपसी गठजोड़ करके जहरीला जाम तैयार करके विभिन्न जिलों में होम डीलिवरी करते रहे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 Aug 2020 12:49 AM (IST) Updated:Thu, 06 Aug 2020 07:11 AM (IST)
पहले आतंकवाद, फिर चिट्टे व अब जहरीले जाम कारण शोक में डूबा गांव पंडोरी गोला
पहले आतंकवाद, फिर चिट्टे व अब जहरीले जाम कारण शोक में डूबा गांव पंडोरी गोला

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : जिस गांव में शिअद और कांग्रेस से संबंधित समर्थक आपसी गठजोड़ करके जहरीला जाम तैयार करके विभिन्न जिलों में होम डीलिवरी करते रहे। उस गांव में अभी सन्नाटा पसरा हुआ है। एक तरफ पुलिस द्वारा नशा तस्करों के घरों में छापामारी की जा रही है और दूसरी तरफ जहरीली शराब पीने के कारण मरने वालों के घरों से अभी रोने की आवाज सुनाई दे रही है। इन परिवारों में कुछ ऐसे भी हैं जिनको अपनों की आत्मिक शांति लिए करवाए जाने वाले भोग समागम के लिए पैसे तक नहीं है। पंडोरी गोला झेल रहा नशे का दंश

विधान सभा हलका खडूर साहिब का गांव पंडोरी गोला में सबसे पहले आतंकवाद की मार पड़ी थी। उस दौर में इस गांव के दो दर्जन के करीब लोग मौत के घाट उतारे गए थे। आतंकवाद खत्म हुआ तो जमीनी विवाद में करीब नौ लोगों की एक-एक करके जान गई। फिर नशे ने इस गांव का बड़ा नुकसान किया। चिट्टे का शिकार होकर गांव पंडोरी गोला में छह वर्ष के दौरान एक दर्जन के करीब लोगों की जान गई। इनमें से दो युवक ऐसे थे, जिन्होंने नशे की पूर्ति लिए पैसे न मिलने कारण मौत को गले लगा लिया। अब इस गांव में जहरीले जाम के कारण 11 लोगों की मौत हो चुकी है। एक तरफ पुलिस द्वारा जहरीली शराब तैयार करने वाले आरोपितों के घरों में छापामारी की जा रही है। दूसरी तरफ जहरीले जाम की भेंट चढ़े लोगों के परिवारों पर आर्थिक संकट पड़ा हुआ है। ग्रामीणों ने किया चाय पानी का प्रबंध

जहरीले जाम की भेंट चढ़े 45 वर्षीय रेशम सिंह के भाई निर्मलजीत सिंह ने बताया कि मेहनत मजदूरी करने वाला उनका परिवार बुरी तरह से टूट गया है। रेशम सिंह की दो लड़कियों की अभी शादी होनी है। लेकिन, जहरीली शराब ने रेशम सिंह की जान ले ली। घर की आर्थिक हालात ऐसे हैं कि गांव के लोग परिवार के लोगों के भोजन का प्रबंध कर रहे हैं। कैसे होगी अंतिम रस्में पूरी

50 वर्षीय प्रगट सिंह तीन बच्चों का पिता है। मजदूरी करके घर का चुल्हा जलाने के साथ वह रोज रूड़ीमार्का शराब भी पीता था। प्रगट सिंह की मां सुखविंदर कौर व लड़के कंवलजीत सिंह ने बताया कि गांव के लोगों ने पैसे इकट्ठे करके अंतिम संस्कार की रस्में पूरी की। अब आत्मिक शांति लिए घर में श्री अखंड पाठ साहिब करवाने के लिए पैसे नहीं है।

कैसे भरे आठ हजार का बिजली बिल

28 वर्षीय युवक संदीप सिंह की पत्नी वर्षो पहले मासूम बच्चे को छोड़कर मायके चली गई थी। संदीप सिंह मेहनत मजदूरी करके अपने बच्चे का पेट पालता था। संदीप सिंह ने गांव से ही 20 रुपये में गिलासी के रूप में अपनी मौत खुद खरीद ली। संदीप सिंह के भाई अमरीक सिंह व निशान सिंह ने बताया कि भोग के लिए पैसे जुटाना मुश्किल हो गया है। ऊपर से आठ हजार रुपये बिजली का बिल आ गया है। ससुर और पति का सहारा छूटा

मेहनत मजदूरी करने वाले सुच्चा सिंह व उसके लड़के धीरा सिंह की एक दिन के अंतर में जहरीली शराब से मौत हो गई। धीरा सिंह की पत्नी संतोष कुमारी ने बताया कि उसका 17 वर्षीय लड़का लवप्रीत सिंह, 15 वर्षीय लड़का अर्शदीप सिंह है, जो अभी तक कोई काम नहीं करते। आर्थिक मंदहाली कारण दोनों बच्चों की पढ़ाई छूट गई है। ऊपर से सुहाग भी नहीं रहा। अभी भी चल रहा है गलासी का सिलसिला

ग्रामीण सतनाम सिंह रंधावा, गुरिदर सिंह, जत्थेदार मुखत्यार सिंह, परमजीत सिंह, मेवा सिंह, जागीर सिंह, बलविंदर सिंह, दीवान सिंह, फौजा सिंह, गुरमुख सिंह, बलवीर सिंह, हीरा सिंह ने दैनिक जागरण को बताया कि इस गांव में बहुत सारे परिवार सत्तारूढ़ पार्टी का आशीर्वाद लेकर अवैध शराब का कारोबार करते है। पंजाब में जब आतंकवाद था तो उसी समय यहां पर अवैध शराब का कारोबार होता था। दूर-दूर के गांवों से लोग पंडोरी गोला में शाम को शराब पीने के लिए आते थे। जहरीले जाम कारण बड़े स्तर पर इस गांव के लोगों की मौत हो चुकी है। पर इसके बावजूद अवैध शराब का कारोबार जारी है। पीड़ितों की लूंगा घर जाकर सार

खडूर साहिब के विधायक रमनजीत सिंह सिक्की का कहना है कि जहरीली शराब के कारण मेरे हलके में बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। जिसकी भरपाई नहीं हो सकती। कांग्रेस सरकार पूरी तरह नशे के खिलाफ है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने मामले की जांच के आदेश देते पीड़ितों की आर्थिक मदद का फैसला किया है। मैं बहुत जल्द हलके में आकर पीड़ितों के घरों में जाऊंगा। इन सभी परिवारों के साथ मैं डटकर खड़ा रहूंगा।

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