हरियाणा से सटे इलाके में सिथेटिक दूध व खोया आने का खतरा

लहरागागा (संगरूर) पंजाब सरकार तंदरुस्त पंजाब मुहिम के तहत त्योहारों के दिनों के मद्देनजर पकली माल आ रहा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Oct 2019 04:23 PM (IST) Updated:Mon, 14 Oct 2019 04:23 PM (IST)
हरियाणा से सटे इलाके में सिथेटिक दूध व खोया आने का खतरा
हरियाणा से सटे इलाके में सिथेटिक दूध व खोया आने का खतरा

जेएनएन, लहरागागा (संगरूर) : पंजाब सरकार तंदरुस्त पंजाब मुहिम के तहत त्योहारों के दिनों के मद्देनजर लोगों को शुद्ध खाद्य पदार्थ मुहैया करवाने के उद्देश्य से सैंपलिग पर जोर दे रही है, जबकि दूसरी तरफ हरियाणा से सटे इलाके लहरागागा व मूनक में सिथेटिक व नकली दूध व खोये का गोरखधंधा चल रहा है। सेहत व फूड सेफ्टी विभाग की ओर से इस गोरखधंधे को रोक पाना आसान दिखाई नहीं दे रहा, क्योंकि इलाके के कई व्यापारी हरियाणा राज्य से सिथेटिक नकली दूध, खोया, पनीर इत्यादि लाकर बेचने की फिराक में हैं। अगर विभाग ने समय पर इस पर नकेल न कसी को त्योहारों के सीजन में बड़े स्तर को लोगों को यह मीठा जहर परोसा जाएगा, जिसका सीधा असर लोगों की सेहत पर पड़ने वाला है।

उल्लेखनीय है कि पंजाब में बेशक सिथेटिक नकली दूध बनाने का गोरखधंधे पर नकेल कसने में विभाग सख्ती से कार्य कर रहा है, लेकिन राज्य के बाहर से आने वाले दूध में मोटे स्तर पर मिलावटखोरी हो रही है। दिवाली पर मिठाइयां तैयार करने के लिए अब दूध की मांग बढ़ गई है, लेकिन इतने दूध की पूर्ति करना आसान नहीं है, जिस कारण हलवाई, व्यापारी व डेयरी वाले हरियाणा राज्य से दूध की खरीद करते हैं, जिसमें सिथेटिक दूध, खोया, पनीर इत्यादि बड़े स्तर पर मिलता है। लहरागागा व मूनक इलाके में इस सिथेटिक दूध की हरियाणा से सप्लाई पहुंचती है, जिससे हलवाई मिठाई इत्यादि बनाकर बेचने की फिराक में है। रात के समय इस दूध की युद्ध स्तर पर सप्लाई पहुंचती है, जिस पर विभाग की नजर नहीं पड़ रही है। सस्ते के लालच में कर रहे सेहत से खिलवाड़

इलाके के एक हलवाई ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि शुद्ध दूध की कीमत काफी अधिक है, जिससे तैयार की गई मिठाई की क्वालिटी बेशक बेहतर होती है, लेकिन लागत अधिक होने के कारण कमाई काफी कम हो जाती है। इसलिए कम कीमत पर दूध की खरीद की जाती है। पंजाब में दूध अधिक मूल्य पर मिलता है, जबकि हरियाणा के व्यापारी कम रेट पर यहां तक दूध पहुंचा जाते हैं। यह दूध के असली या नकली होने का आम लोगों को कुछ पता नहीं चलता। इस दूध से बनी मिठाई अधिक समय तक फ्रेश रहती है और इस पर लागत भी अधिक नहीं होती। इसी प्रकार खोया भी बेहद कम रेट पर आसानी से मिल जाता है, जिसकी मदद से मिठाई तैयार की जाती है। लीवर के खतरनाक है मिलावटी दूध व मिठाई

डॉ. परमिदर सिंह ने बताया कि नकली व मिलावटी सिथेटिक दूध पीने या इस दूध से बनी मिठाई खाने से शरीर पर बुरा असर पड़ता है। उल्टियां या दस्त लगने से सेहत बिगड़ सकती है और अधिक दिन तक यह दूध पीने से लीवर को भी नुकसान पहुंचता है। नकली खोया भी सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। इसलिए लोगों को ऐसी मिठाईयां खाने से गुरेज करना चाहिए। अपने घरों पर शुद्ध सामग्री मिठाईयां बनाकर खोए या किसी परखी हुई दुकान से ही खरीददारी करें। सिंथेटिक दूध के आने की नहीं कोई जानकारी : डॉ. गर्ग

फूड सेफ्टी विभाग के सहायक कमिश्नर डॉ. रविदर गर्ग से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से इलाके में सिथेटिक दूध, खोया या अन्य सामग्री आने की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। अगर ऐसा होता है तो इस पर नकेल कसने के लिए विभाग की टीमें हर जगह गंभीरता से चेकिग कर रही हैं। फूड सेफ्टी अफसर के साथ मिलकर जिले भर में सैंपलिग की जा रही है। जहां पर भी सब स्टैंडर्ड मिलावटी सामग्री बनती पाई गई उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी आम लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने नहीं दिया जाएगा।

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