दो सप्ताह में हुआ टीकाकरण का नुकसान, अगले दिनों में किया कवर
संगरूर कर्फ्यू के समय दौरान सिविल अस्पतालों में जहां मरीजों को ओपीडी प्रभावित हुई।
संवाद सूत्र, संगरूर
कर्फ्यू के समय दौरान सिविल अस्पतालों में जहां मरीजों को ओपीडी प्रभावित हुई, वहीं बच्चों के टीकाकरण का काम भी दो सप्ताह तक प्रभावित रहा। समय पर टीकाकरण न होने से बच्चों व गर्भवती महिलाओं को किसी प्रकार की परेशानी पेश न आए, इसलिए दो सप्ताह के बाद ही टीकाकरण की प्रवानगी सरकार ने दे दी। दो सप्ताह दौरान प्रभावित हुए कामकाज के काम को अगले सप्ताहों में ही कवर कर लिया गया, ताकि बच्चों को किसी प्रकार की परेशानी पेश न आएं। सप्ताह में बुधवार व शनिवार दो दिन ही टीककरण किया जाता है, जिसकी सेवा कर्फ्यू के दौरान भी जारी रखी गई।
सिविल अस्पताल के पीपी यूनिट की इंचार्ज डॉ. अमरजीत कौर ने बताया कि कोरोना के मद्देनजर लगाए गए कर्फ्यू के पहले दो सप्ताह दौरान विभाग के आदेशों पर टीकाकरण बंद कर दिया गया था, क्योंकि कोरोना के संक्रमण का खतरा काफी अधिक था। टीकाकरण प्रभावित होता देख दो सप्ताह के बाद टीकाकरण की मंजूरी दे दी गई थी। पहले दो सप्ताह टीकाकरण बंद होने से सौ बच्चों का टीकाकरण प्रभावित हुआ था, जिसे अगले सप्ताहों में कवर कर लिया गया। टीकाकरण के लिए पीपी यूनिट में शारीरिक दूरी के नियम, मास्क इत्यादि लगाकर रखने का पुख्ता प्रबंध किया गया है, ताकि बच्चों व गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण दौरान किसी प्रकार के संक्रमण का खतरा न रहे। उन्होंने कहा कि 10-15 दिन टीकाकरण में देरी होने से कोई परेशानी बच्चे को नहीं होती। अक्सर ही अगर बच्चे की सेहत तंदरुस्त न हो तो टीकाकरण में कुछ दिन का अंतर बनाकर रखा जाता है। बच्चे के तंदरुस्त होने पर ही टीकाकरण करते हैं। अब टीकाकरण का काम लगातार जारी है व बेहद सावधानियां बरतते हुए बच्चों का टीकाकरण किया जाता है। सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार ने कहा कि बच्चों का टीकाकरण करने के लिए पीपी यूनिट लगातार जारी है। टीकाकरण में किसी भी प्रकार की रूकावट न आएं, इसलिए इस सेवा को निर्विघ्न जारी रखा गया है। कुछ समय टीकाकरण में रुकावट आई थी, लेकिन उसे तुरंत सरकार व विभाग की हिदायतों का पालन करते हुए चालू किया गया।