पावरकॉम की इमारत की पावर हो रही खत्म
अमन सिगला लहरागागा (संगरूर) पावरकाम के कर्मचारी खंडहर बन चुकी इमारत में कर रहे काम।
अमन सिगला, लहरागागा (संगरूर) : मानसून जहां लोगों को गर्मी से राहत दे रहा है, वहीं जर्जर सरकारी दफ्तरों के मुलाजिमों के माथे पर चिता की लकीरें आ रही हैं, क्योंकि असुरक्षित इमारतों में ड्यूटी देने को मजबूर मुलाजिम जान हथेली पर रखकर कार्य कर रहे हैं। दशकों पुरानी इमारतों की दीवारें भी जहां साथ छोड़ चुकी हैं, वहीं छतों से गिरते प्लास्टर मुलाजिमों को घायल कर रहे हैं।
यह हाल है लहरागागा के सीनियर कार्यकारी इंजीनियर (वितरण मंडल) पावरकॉम दफ्तर शहरी की इमारत का। बरसात के दिनों में जहां दफ्तर की छतों से पानी टपकता है, वहीं इमारत की छत के किसी न किसी हिस्से से प्लास्टर उतरकर गिरता रहता है। मुलाजिम कुर्सी बिछाकर बैठने से पहले छत की हालत का ख्याल अवश्य रखते हैं, क्योंकि यहां खस्ताहाल छतों से कभी भी चोट लग सकती है। सीधे शब्दों में कहा जाए तो पावरकॉम का यह दफ्तर समस्याओं से पूरी तरह से घिर चुका है। सड़क से पांच फीट नीचा है दफ्तर
पावरकॉम का यह दफ्तर दशकों पुराना है, जबकि दफ्तर को जाती मुख्य रोड का निर्माण कई बार हो चुका है। सड़क का लेबल दफ्तर से करीब पांच फीट ऊंचा हो गया है, जिस कारण बरसात का सारा पानी दफ्तर में ही जमा हो जाता है। बरसात का पानी जहां दफ्तर में आने-जाने वाले लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता है, वहीं मुलाजिमों को भी संभलकर बैठना पड़ता है, क्योंकि पानी कमरों तक पहुंच जाता है। छतों से गिरते पलस्तर से मुलाजिम परेशान
इंप्लाइज फेडरेशन के प्रांतीय नेता पूर्ण सिंह खाई व राम सिंह खाई का कहना है कि खस्ताहाल इमारत में किसी भी समय कोई बड़ा हादसा घटित हो सकता है, क्योंकि इमारत पूरी तरह से असुरक्षित हो सकती है। इस कारण ड्यूटी देते मुलाजिमों में भी हर वक्त भय का माहौल बना रहता है। बरसात का मौसम तो मुसीबत बनकर आता है। कुछ दिन पहले ही तेज बरसात के बीच छत से प्लास्टर उतरने से एक मुलाजिम घायल हो गया था। दफ्तर के सभी कमरों का हालत खराब है। छतों से टपकने वाले पानी के कारण दफ्तरी रिकार्ड व सामान खराब होने का डर बना रहता है। इमारत की छतों से सरिया सीमेंट छोड़ चुका है। दीवारों में चौड़ी-चौड़ी दरारें पड़ी हुई है और दीवारों से उतर रहे पलस्तर के कारण ईटे निकल आई हैं। शौचालयों की हालत खराब
दफ्तर में मुलाजिम जहां बाकी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, वहीं शौचालय की सुविधा के बदतर हालात से मुलाजिम बेहद परेशान हैं। दफ्तर में बेशक शौचालय मौजूद है, लेकिन यहां पानी व सीवरेज के निकास की उचित प्रबंध नहीं है। इस कारण गंदगी फैली रहती है। यहां भी दीवारें फटी हुई है, जिस कारण यहां मुलाजिम आने से भी डरते हैं। मुलाजिमों का कहना है कि कई बार समस्या बाबत विभाग को अवगत करवाया गया है, लेकिन कोई राहत नहीं मिली है। मुलाजिमों की सुरक्षा के मद्देनजर दफ्तर को किसी अन्य इमारत में शिफ्ट किया जाना चाहिए, ताकि वह सुरक्षित रह सकें। फंडों की कमी कारण पेश आ रही समस्या
इस संबंध में एक्सईएन लखविदर सिंह ने माना की दफ्तर की हालत खस्ता हो चुकी है। इस बाबत उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया गया है। फंड की कमी कारण मरम्मत नहीं हो पाई है। जल्द ही इस संबंधी पत्र लिखकर दफ्तर की मरम्मत करवाने या दफ्तर को किसी अन्य जगह पर शिफ्ट करने की मांग की जाएगी।