ड्रिप इरीगेशन सिस्टम पर 56 हजार खर्च, फिर भी ना मिला मोटर कनेक्शन

अब तो फिजा चुनावी हो गई है। लेकिन आवेदन करने वाले किसानों को उम्मीद थी कि इस बार चुनावों से पहले बिजली कनेक्शन मिल जाएंगे ऐसा हो नहीं पाया। विधानसभा चुनाव से पहले जिन किसानों को खेती के लिए बिजली कनेक्शन के नोटिस बांटे थे उनके कनेक्शन अब तक लग रहे हैं। उसके बाद जिन किसानों ने आवेदन किए हैं वो लाटरी निकलने की आस लगाए बैठे हैं। अब उनकी किस्मत कब खुलेगी पता नहीं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Mar 2019 12:04 AM (IST) Updated:Tue, 19 Mar 2019 12:04 AM (IST)
ड्रिप इरीगेशन सिस्टम पर 56 हजार खर्च, फिर भी ना मिला मोटर कनेक्शन
ड्रिप इरीगेशन सिस्टम पर 56 हजार खर्च, फिर भी ना मिला मोटर कनेक्शन

अजय अग्निहोत्री, रूपनगर : अब तो फिजा चुनावी हो गई है। लेकिन आवेदन करने वाले किसानों को उम्मीद थी कि इस बार चुनावों से पहले बिजली कनेक्शन मिल जाएंगे, ऐसा हो नहीं पाया। विधानसभा चुनाव से पहले जिन किसानों को खेती के लिए बिजली कनेक्शन के नोटिस बांटे थे, उनके कनेक्शन अब तक लग रहे हैं। उसके बाद जिन किसानों ने आवेदन किए हैं वो लाटरी निकलने की आस लगाए बैठे हैं। अब उनकी किस्मत कब खुलेगी पता नहीं। इस तरह के किसी करिश्मे का इंतजार जिला रूपनगर के गांव हलेड़ के बुजुर्ग किसान ब्रह्मानंद कर रहे हैं। जिन्होंने एक साल से ज्यादा का समय बीत गया मोटर कनेक्शन के लिए आवेदन किए हुए। ये किसान खेती के लिए स्प्रिंकलर सिस्टम से खेती करके भूमिजल का कम दोहन करने की सकारात्मक सोच लेकर चला था। लेकिन नेक सोच बिजली विभाग के पास पड़े आवेदन के बीच ही दबकर रह गई है। ब्रह्मानंद के पास तीन एकड़ जमीन है पर सिचाई के लिए पर्याप्त साधन नहीं हैं। प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना के बारे में पढ़ा तो मंडल भूमि रक्षा विभाग में आवेदन दे आए। योजना का लाभ लेने के लिए अपने खाते से डिवीजनल स्वायल कंर्जवेशन विभाग को 56 हजार 826 रुपये भी राशि चेक के जरिये 30 अक्टूबर को दे आए थे। सब कुछ ठीक हुआ स्प्रिंकलर सिस्टम भी लग गया। लेकिन अब समस्या खड़ी हो गई कि जमीन से पानी निकालने के लिए मोटर कनेक्शन चाहिए। फिर बिजली विभाग के पास स्प्रिंकचर (ड्रिप) सिस्टम कोटे से मोटर कनेक्शन के लिए आवेदन दे आए और आवेदन की फीस 21 सौ जमा करवा दी। उसके बाद शुरू हुआ उनका दफ्तरकी ठोकरें खाने का क्रम।

कहीं खुह खाते ही न चला जाए पैसा : ब्रह्मनंद

ब्रह्मनंद ने कहा कि वो एसडीओ के दफ्तर चक्कर लगाकर थक गए हैं, हर बार उन्हें ये आश्वासन दे दिया जाता है कि आवेदन पटियाला दफ्तर गए हुए हैं, वहां से मंजूरी आते सूचित कर दिया जाएगा। लेकिन वो मंजूरी कब आएगी, नहीं पता। मुझे लगता है कि कहीं अब तक खर्च रुपये भी खुह खाते ही न चले जाएं।

पटियाला दफ्तर भेज देते हैं आवेदन

बिजली विभाग के एसडीओ रणजीत सिंह नागरा ने कहा कि जो भी किसान मोटर कनेक्शन के लिए आवेदन करते हैं वो पटियाला दफ्तर भेज दिए जाते हैं। पहले विधानसभा चुनाव से पहले किसानों के मोटरों के कनेक्शन के आवेदनों को मंजूरी मिली थी। अभी स्पष्ट नहीं है कि कब आवेदनों को मंजूरी मिलेगी, ये उच्चाधिकारी ही स्पष्ट कर सकते हैं।

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