गर्भवती महिलाएं पौष्टिक आहार लें

रूपनगर में सिविल सर्जन डॉ. ह¨रदर कौर के दिशा-निर्देशों पर राष्ट्रीय आहार सप्ताह मनाने का क्रम शुरू किया गया है। इसके तहत सेमिनार लगाकर लोगों को विशेषकर गर्भवती महिलाओं को कैसा आहार लेना चाहिए के बारे जागरूक किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 Sep 2018 03:39 PM (IST) Updated:Sat, 08 Sep 2018 05:41 PM (IST)
गर्भवती महिलाएं पौष्टिक आहार लें
गर्भवती महिलाएं पौष्टिक आहार लें

संवाद सहयोगी, रूपनगर : रूपनगर में सिविल सर्जन डॉ. ह¨रदर कौर के दिशा-निर्देशों पर राष्ट्रीय आहार सप्ताह मनाने का क्रम शुरू किया गया है। इसके तहत सेमिनार लगाकर लोगों को विशेषकर गर्भवती महिलाओं को कैसा आहार लेना चाहिए के बारे जागरूक किया जा रहा है।

इसके तहत कम्युनिटी हेल्थ सेंटर चमकौर साहिब में एसएमओ डॉ. अशोक कुमार के नेतृत्व में विशेष सेमिनार करवाया गया। सेमिनार में शामिल हुए लोगों को जागरूक करते हुए उन्होंने कहा कि आज के दौर में एक मनुष्य को तंदुरुस्त रहने के लिए रोजाना की ¨जदगी में खाने-पीने की चीजों पर विशेष ध्यान देना जहां जरूरी है वहीं स्वच्छ, मिलावट रहित एवं पौष्टिक आहार का लेना बहुत जरूरी हो गया है। उन्होंने महिलाओं विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को जागरूक करते हुए कहा कि उन्हें हर दिन पौष्टिक आहार के सेवन की जरूरत होती है क्योंकि गर्भ में पलने वाला बच्चा तभी स्वस्थ रहेगा जब उसे मां से पौष्टिक एवं शुद्ध आहार की खुराक मिलेगी।

उन्होंने गर्भवती महिलाओं को भोजन में हरे पत्ते वाली सब्जियों के साथ साथ पीले फल, दूध, अंडा, पनीर तथा सोयाबीन आदि का अधिक से अधिक सेवन करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने गर्भवती महिलाओं को रक्त की कमी को पूरा करने के लिए आयरन की गोलियां लेने को कहा जोकि स्वास्थ्य विभाग से मुफ्त उपलब्ध करवाई जाती हैं। अनीमिया पीड़ित महिलाओं के लिए भी गोलियां अस्पताल से मुफ्त मिलती हैं।

माताएं बच्चों को छह माह तक अपना दूध पिलाएं

इस उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि मां तंदुरुस्त होगी तभी उसका बच्चा भी तंदुरुस्त होगा। इसके अलावा उन्होंने गर्भवती महिलाओं को हिदायत दी कि बच्चे का जन्म होने के बाद उसे छह माह तक हर हाल में अपना दूध पिलाएं क्योंकि मां के दूध से बच्चे को बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है। जिस बच्चे ने मां का दूध छह माह तक पिया हो उसे 40 साल आयु होने तक बीमारी लगने की संभावनाएं न के बराबर होती हैं। इस मौके पर सुख¨वदर कौर सहित तरणवीर कौर आदि ने भी महिलाओं को जागरूक किया।

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