केमिस्टों की हड़ताल, मरीज दवाइयों के लिए यहां-वहां करते रहे पड़ताल

रूपनगर रूपनगर में एकत्र हुए जिलेभर के केमिस्टों ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा तंदुरुस्त पंजाब की आढ़ तले केमिस्टों पर लागू की जा रही नीतियां उनके कारोबार विरोधी हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Jul 2018 10:36 PM (IST) Updated:Mon, 30 Jul 2018 10:36 PM (IST)
केमिस्टों की हड़ताल, मरीज दवाइयों के लिए यहां-वहां करते रहे पड़ताल
केमिस्टों की हड़ताल, मरीज दवाइयों के लिए यहां-वहां करते रहे पड़ताल

जागरण संवाददाता, रूपनगर

रूपनगर में एकत्र हुए जिलेभर के केमिस्टों ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा तंदुरुस्त पंजाब की आढ़ तले केमिस्टों पर लागू की जा रही नीतियां उनके कारोबार विरोधी हैं। केमिस्टों ने पंजाब केमिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर जिला रूपनगर में रोष प्रदर्शन करते हुए अपनी दुकानें बंद रखीं। इस कारण आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। डॉक्टर मरीजों को सरकारी तथा प्राइवेट अस्पतालों में दवाएं लिखते रहे और लोग दवाएं देने के लिए दर दर की ठोकरें खाते रहे। लेकिन दवाएं नहीं मिली। इससे पहले जिले के समूह केमिस्ट रूपनगर जिला केमिस्ट एसोसिएशन (आरडीसीए) के प्रधान सुदर्शन चौधरी तथा महासचिव र¨जदर जग्गी की अगुवाई में बाईपास पर स्थित एक होटल में बैठक की गई, जिसमें जिले के अधीन पड़ते यूनिट रूपनगर के प्रधान संजय मल्होत्रा, महासचिव कमलशील कथूरिया, मो¨रडा के प्रदान बचन लाल बर्मा, सचिव हर्श कोहली, नूरपुरबेदी के प्रधान मोहन जांदला, घनौली के प्रधान सुरेश कुार, सचिव जलजीत सैनी, चमकौर साहिब के प्रदान अर¨वदर ¨सह मोटू, सचिव लखवीर ¨सह, नंगल के प्रधान रमन कुमार के अलावा दुकानों पर काम करने वाले वर्कर भी सैकड़ों की तादात में शामिल हुए। सुदर्शन चौधरी ने कहा कि पंजाब के करीब 24 हजार केमिस्ट शहरों तथा ग्रामीण इलाकों के कोने कोने में अपनी सेवाएं लोगों को दे रहे हैं लेकिन सरकार की विरोधी नीतियों के कारण उनका कारोबार तबाह होने के कगार पर आ चुका है। समूह दवाई विक्रेता पंजाब में नशा खत्म करने के लिए सरकार का साथ दे रहे हैं लेकिन दूसरी तरफ सरकार केमिस्टों पर चे¨कग समय जिला प्रशासन की तरफ से तहसीलदार, एडीसी, एसडीएम, पटवारी तथा पुलिस की टीमों को दवाई की दुकानों पर भेज रही है। इससे केमिस्ट का समय खराब होता है। लाइसेंस लेकर दवा कानून के अनुसार केमिस्ट अपना कारोबार करते हैं, जिसके लिए दवा विभाग उनकी चे¨कग के काबिल है। र¨जदर ¨सह जग्गी ने कहा कि ऑन लाइन फार्मेसी भी केमिस्टों के लिए बदनामी का कारण बन रही है। ऑनलाइन फार्मेसी से पाबंदीशुदा दवाएं भी मंगवाई जा सकती हैं। अगर ड्रग विभाग यदि कोई दवाई पर भी पाबंदी लगाना चाहता है तो केमिस्ट वह दवाई बेचना ही बंद कर देंगे। अगर कई केमिस्ट गलत दवा बिक्री करता पकड़ा जाता है तो एशोसिएशन उसका साथ नहीं देगी। उसे एसोसिएशन से निकाल दिया जाएगा। इस मौके पर गुरप्रीत ¨सह कोहली, अभिजीत अहुजा, गुरचरण ¨सह, मनजीत ¨सह, रणदीप गुप्ता, सु¨रदर मेहता, गुलशन आहुजा, पुरुषोतम दास, लछमण दास, अमन भनोट मो¨रडा भी मौजूद थे।

पुत्रवधू के लिए दवा नहीं मिली: कुलदीप कौर गांव गुन्नोमाजरा की कुलदीप कौर ने कहा कि उसकी पुत्रवधू किरण नर्सिंग होम में दाखिल है। उसकी दर्द की दवाई लेने के लिए वो धक्के खा रही है। सभी मेडिकल स्टोर बंद हैं। किसी ने कहा कि सरकारी अस्पताल में दवा मिल जाएगी। लेकिन यहां आकर उसको परेशानी हुई। पहले कहा गया कि पर्ची सरकारी अस्पताल में बनवाओ फिर कहा गया कि जो दवा चाहिए वो उनके पास नहीं है। अब वो कहां जाए। मेडिकल स्टोर वालों को ऐसी हड़ताल का क्या फायदा होगा। ऑपरेशन होना है मेरा, दवा नहीं मिली: भोली रूपनगर की माधोदास कॉलोनी निवासी महिला भोली ने कहा कि मुझे सरकारी अस्पताल के डाक्टरों ने आंखों का ऑपरेशन करवाने के लिए कहा है। ऑपरेशन से पहले आंखों में जो दवा डालने के लिए कहा गया था, वो अस्पताल के मेडिकल स्टोर से तो मिली नहीं। बाहर प्राइवेट केमिस्टों की हड़ताल है। मनोचिकित्सक ने दवा लिख ली पर मिली नहीं: शंकर अंबुजा फैक्ट्री से आए शंकर ने बताया कि अंबुजा में महिला कर्मचारी को लेकर मनोचिकित्सक के पास चेक करवाने लाए थे। डाक्टर ने जो दवा लेने के लिए कहा है वो रूपनगर में मेडिकल स्टोर बंद होने के कारण उन्हें नहीं मिल रही। घुटनों में दर्द है, दवा खत्म हो गई: कमलेश सदाव्रत की कमलेश ने बताया कि उसके घुटनों की समस्या है तथा पुरानी दवा चल रही है। लेकिन अब उसके पास दवा खत्म है और वो रूपनगर में मेडिकल स्टोर बंद होने के कारण परेशान है। दर्द से उसकी हालत बदतर हो चुकी है।

रोष मार्च निकाला, डीसी ने खुद लिया मांगपत्र केमिस्टों ने एकत्र होकर डीसी दफ्तर तक काले झंडे लेकर रोष मार्च निकाला। इस दौरान पुलिस ने सचिवालय के गेट बंद कर दिए, लेकिन केनाल रेस्ट हाउस से डीसी सुमीत जारंगल विधानसभा स्पीकर राणा केपी ¨सह के साथ बैठक करने के बाद पैदल ही अपने दफ्तर के लिए निकल लिए। इस दौरान प्रदर्शनकारी केमिस्टों को वो मिले तथा उनकी बात अच्छी तरह सुनी। इस दौरान डीसी जारंगल ने उनका मांगपत्र लिया। इस दौरान उन्होंने केमिस्टों को धक्के न मारने तथा आराम से अपनी बात करने के लिए भी कहा।

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