132 छात्रों को पढ़ा रहे चार अध्यापक, बिल्डिंग की हालत भी खस्ता

आनंदपुर साहिब के गंगूवाल स्थित बीबीएमबी मिडल स्कूल की खस्ता हालत बिल्डिंग की मरम्मत न करवाने पर अभिभावकों ने रोष जताया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 11:18 PM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 11:18 PM (IST)
132 छात्रों को पढ़ा रहे चार अध्यापक, बिल्डिंग की हालत भी खस्ता
132 छात्रों को पढ़ा रहे चार अध्यापक, बिल्डिंग की हालत भी खस्ता

संवाद सहयोगी, श्री आनंदपुर साहिब: आनंदपुर साहिब के गंगूवाल स्थित बीबीएमबी मिडल स्कूल की खस्ता हालत बिल्डिंग की मरम्मत न करवाने पर अभिभावकों ने रोष जताया है। उन्होंने कहा कि जल्द बिल्डिंग की मरम्मत कर यहां पर अध्यापकों के खाली पद भी जल्द भरे जाएं। यहां पर पहली से आठवीं कक्षा तक 132 छात्र पढ़ रहे हैं, मगर उन्हें पढ़ाने के लिए मात्र चार अध्यापक ही हैं। अभिभावकों ने कहा कि कमरों की खस्ता हालत के कारण बच्चे अपने आप को असुरक्षित समझ रहे हैं। कमरों की छत से बारिश के दिनों में पानी टपकता है। समाजसेवी लक्की कपिला ने बताया कि स्कूल की इमारत साल 1954 में बनी थी । वर्तमान में स्कूल स्टाफ की कमी के कारण यहां पर मात्र 132 बच्चे ही पढ़ रहे हैं। बिल्डिंग की मरम्मत करने सहित स्टाफ की पूर्ति के लिए बीबीएमबी मैनेजमेंट को कई बार आग्रह कर चुके हैं, पर इस बारे में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कुछ समय पहले बिल्डिंग की हालत को सुधारने के लिए टेंडर भी किया गया था, पर अभी तक रिपेयर काम शुरू नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि इस बारे में पंजाब विधानसभा स्पीकर राणा कंवरपाल सिंह से भी मुलाकात कर समस्या के हल की मांग की जाएगी। इस मौके पर मोनू कनौजिया कमेटी मेंबर, जयप्रकाश सरोया, गुरदास राम बीकापुर, जसप्रीत, सरताज सिंह , प्रवीण कुमार, हरमेश कुमार, गुरमीत सिंह ,बलविदर सिंह, मनजीत सिंह, किरण बेदी ,भूपिदर कौर, अनीता कुमारी, परविदर रानी, सुमन देवी व अनुराधा देवी भी मौजूद थीं। वहीं इस बारे में स्कूल इंचार्ज राजिदर सिंह ने कहा कि स्कूल की कमियों के बारे में उच्चाधिकारियों को समय-समय पर बताया जा चुका है। आश्वासन मिला है कि जल्द ही इस बारे में कार्रवाई की जा रही है। उधर इस बारे में इंजी.अविनाश शर्मा ने कहा कि स्कूल की बिल्डिंग की रिपेयर के काम के लिए टेंडर खुल चुके हैं। जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा। इसके साथ ही अध्यापकों की कमी भी जल्द ही पूरी कर दी जाएगी, ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। वजीफा भी नहीं मिल रहा बच्चों के माता-पिता ने कहा कि पहले बच्चों से दाखिला फीस नहीं ली जाती थी, मगर बीते कुछ वर्षों से दाखिला फीस भी ली जा रही है। पहले बच्चों को सरकार द्वारा वजीफा दिया जाता था, पर वह भी बीते कुछ वर्षों से वजीफा नहीं दिया जा रहा है।

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