आगरा घराने के रागों पर झूमे श्रोता

सुभाष शर्मा, नंगल क्लासिकल म्यूजिक कॉन्सर्ट कार्यक्त्रम स्वर गुंजन एनएफएल के ऑफिसर्स क्लब ऑडिटोरि

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Mar 2018 03:00 AM (IST) Updated:Sat, 31 Mar 2018 03:00 AM (IST)
आगरा घराने के रागों पर झूमे श्रोता
आगरा घराने के रागों पर झूमे श्रोता

सुभाष शर्मा, नंगल

क्लासिकल म्यूजिक कॉन्सर्ट कार्यक्त्रम स्वर गुंजन एनएफएल के ऑफिसर्स क्लब ऑडिटोरियम में शुरू हो गया। भारतीय शास्त्रीय संगीत के तहत आते भरत नाटयम, सुगम संगीत, वादन आदि प्रस्तुतियों पर आधारित इस कार्यक्रम का शुभारंभ एनएफएल नंगल के मुख्य महाप्रबंधक एवं प्रभारी निरलेप सिंह राय ने ज्योति प्रज्ज्वलित करके किया। अमन वर्मा की ओर से परवेज खान के तबला वादन में प्रस्तुत मां सरस्वती वंदना से शुरू हुए कार्यक्रम के बाद जैसे ही मंच पर राग बागेशरी के छोटा ख्याल व बड़ा ख्याल की प्रस्तुति देने पहुंचे डा. हरविंदर सिंह चंडीगढ़ वालों ने अपने दिलकश अंदाज में राग का उच्चारण किया तभी श्रोतागणों की तालियों से सभागार गूंजायमान हो गया। आगरा घराने के उस्ताद योनस हुसैन खान के तैयार किए राग बागेशरी के 'जिन दरस दिए सरस किए' का छोटा ख्याल काफी सराहा गया। इन्हें कार्यक्रम के आयोजक राष्ट्रीय संगीतज्ञ परिवार नंगल की ओर से संगीत मनीषी का अवार्ड दिया गया वहीं कार्यक्रम में पहुंचे संगीत जगत की जानीमानी हस्ती पं. ओम प्रकाश थापर को संगीत भूषण 2018 का सम्मान दिया गया। सितार वादक गोपाल कृष्ण शाह ने भी सितार पर अपनी थिर्रकती उंगलियों से शास्त्रीय संगीत के वादन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इन्हें भी अवार्ड देकर सम्मानित किया गया।

अंतिम प्रस्तुति थी कथक नृत्यांगना अर्शप्रीत कौर की। गुरचेतन सिंह के तबला वादन व योगेश गर्ग के नगमा शब्दों में जैसे ही अर्शप्रीत ने मंच पर नृत्य की प्रस्तुति दी, तभी पैरों पर बांधे घुंघरुओं के साथ तबला की जुगलबंदी ने कार्यक्रम को चार चांद लगा दिए। कार्यक्रम में मौजूद जानेमाने संगीतकारों तथा वादकों ने अर्शप्रीत को खूब तालियों का सम्मान दिया। नृत्य अवार्ड से उन्हें सम्मानित भी किया गया।

इस मौके पर आयोजन समिति की प्रतिनिधि अरूणा वालिया, एमपीएस वालिया, जीएस वालिया के अलावा परवेज शान, संदीप कुमार, डा. संजीव गौतम, सुनील डोगरा, अजमेर मीत, तबला वादक सुखवंत भसीन, एडवोकेट अशोक मनोचा, सुदर्शन चौधरी, इंदु चौधरी आदि सहित संगीत कला के चाहने वाले शहर के लोग मौजूद थे।

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