केवीके में बताए पराली संभाल के तरीके

धान की कटाई के बाद खेतों में शेष रहने वाली पराली को किसानों द्वारा हर साल आग लगाने की रिवायत को स्थासी रूप से विराम लगाने व पराली की सही संभाल बारे किसानों को जागरूक करने के उद्देश्य से कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) में ब्लाक स्तरीय जागरूकता कैंप लगाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 08 Oct 2020 11:09 PM (IST) Updated:Thu, 08 Oct 2020 11:09 PM (IST)
केवीके में बताए पराली संभाल के तरीके
केवीके में बताए पराली संभाल के तरीके

संवाद सहयोगी, रूपनगर: धान की कटाई के बाद खेतों में शेष रहने वाली पराली को किसानों द्वारा हर साल आग लगाने की रिवायत को स्थासी रूप से विराम लगाने व पराली की सही संभाल बारे किसानों को जागरूक करने के उद्देश्य से कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) में ब्लाक स्तरीय जागरूकता कैंप लगाया गया। कैंप का उदघाटन एडीसी विकास अमरदीप सिंह गुजराल ने किया। इस मौके सहायक डायरेक्टर सिखलाई डॉ. जीएस मक्कड़ ने बताया कि कैंप का मुख्य उद्देश्य किसानों को पराली की संभाल वाली तकनीकों के बारे में जागरूक करना था। यह कैंप डायरेक्टर प्रसार शिक्षा, कृषि विश्व विद्यालय पंजाब, लुधियाना की देखरेख में लगाया गया, जिस दौरान किसानों को आधुनिक ढंग से की जाने वाली खेती के बारे में भी जागरूक किया गया है। इस मौके एक प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें विभिन्न माडलों, चार्ट व सैंपलों के रूप में खेती की नई तकनीकों के बारे में दर्शाया गया। एडीसी विकास अमरदीप सिंह गुजराल ने किसानों को कृषि विश्व विद्यालय द्वारा सुझाई गई तकनीकों के आधार पर खेती करने के लिए प्रेरित किया। तकनीकी सेशन के दौरान डा. जीएस मक्कड़ ने किसानों को केवीके की गतिविधियों सहित सीआरएम प्रोजेक्ट बारे अवगत करवाते हुए पराली की संभाल को लेकर हर संभव सहायता उपलब्ध करवाने का भरोसा दिलाया। उन्होंने पराली की संभाल के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली मशीनें हैपी सीडर सहित मल्चर, उलटवा हल आदि के बारे में जानकारी दी। इस दौरान एडीसी विकास अमरदीप सिंह गुजराल ने किसानों से पराली न जलाने की अपील की। उन्होंने बताया कि केवीके रूपनगर ने इस प्रोजेक्ट के तहत चार नए गांव असरपुर, गड़ी, शेखुपुर और बामा कुलियां को गोद लिया गया है जिसके लिए केवीके बधाई का पात्र है। इस मौके डॉ. अर्पणा सहित डॉ. उपेंद्र सिंह संधू, अंकुरदीप प्रीति तथा डॉ. संजीव आहूजा ने भी किसानों को विभिन्न तकनीकों बारे अवगत करवाया। कैंप के दौरान एडीसी अमरदीप सिंह गुजराल सहित डॉ. जीएस मक्कड़ ने पराली की संभाल वाली मशीनों को किसानों के प्रयोग के लिए झंडी दिखाते हुए रवाना किया।

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