कहीं स्ट्रीट लाइटों की रोशनी न बन जाए जिदगी का अंधेरा

शहर की सड़कों को रोशन करने वाली नगर निगम लाइट्स के प्रोजेक्ट पर तेजी से काम कर रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 08 Aug 2019 12:31 AM (IST) Updated:Thu, 08 Aug 2019 12:31 AM (IST)
कहीं स्ट्रीट लाइटों की रोशनी न बन जाए जिदगी का अंधेरा
कहीं स्ट्रीट लाइटों की रोशनी न बन जाए जिदगी का अंधेरा

जागरण संवाददाता, पटियाला : शहर की सड़कों को रोशन करने वाली नगर निगम लाइट्स के प्रोजेक्ट पर तेजी से काम कर रही है। वहीं जरा सी लापरवाही शहरवासियों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकती है। शहर के कई हिस्सों में लगे लाइट्स के खंभों से बिजली की तारें खुली पड़ी हैं। मानसून के दौरान इन नंगी तारों से करंट लगने का खतरा राहगीरों के लिए आफत बन सकता है। दैनिक जागरण की ओर से शहर के कई इलाकों में किए गए सर्वे में पाया कि बेहद संवेदनशील इलाकों में स्ट्रीट लाइट के खंभों से बिजली की तारें बाहर हैं। खुले में पड़ी बिजली की तारों को कवर करने पर नगर निगम की बिजली शाखा और लोक निर्माण विभाग ने कोई प्रयास नहीं किया है। इस बात से बेखबर प्रशासन किसी बड़े हादसे के इंतजार में है। वार्ड 39 के महिदरा कॉलेज रोड की फुटपाथ पर लगी स्ट्रीट लाइट के पोल के बिजली के तार खुले है। वार्ड 52 के लोअर मॉल और वार्ड 54 के लहल चौक पर भी हालात वही हैं। 21 नंबर फ्लाईओवर पर पैदल चलने के बनी फुटपाथ पर लगी स्ट्रीट लाइट के पोल से बिजली की खुली तारें खतरे को न्यौता दे रही हैं।

इन तमाम इलाकों से गुजरने वाले राहगीर जाने अनजाने में अगर तारों की चपेट में आ गए तो हादसा हो सकता है। सड़कों को अंधेरे से निजात दिलाने के लिए स्ट्रीट लाइट रोशन की जा रही है। परंतु लाइटों को जा रही वायरिग की संभाल के लिए जिला प्रशासन संजीदा नहीं है। मानसून में स्ट्रीट लाइट के पोल में फैल रहे करंट से बचने के लिए सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे संदेशों के बाद भी स्ट्रीट लाइट के पोल की वायरिग को दुरुस्त नहीं किया जा रहा।

विद्यार्थी और राहगीर अकसर गुजरते हैं

लोअर मॉल के दुकानदार प्रमोद कुमार ने कहा कि अकसर स्टूडेंट और दूसरे लोग यहां से पैदल गुजरते है ऐसे मे खुली तारों से खतरा बना रहता है। समाज सेवक सुरिदर सिंह अरोड़ा ने कहा कि सरकारी विभागों को गंभीर मुद्दों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। छोटी-छोटी लापरवाही बड़े खतरे का कारण बन सकती है।

विभाग के मुलाजिम समस्या को देखकर भी कर देते हैं अनदेखा

रविदर सिंह और नरेश कुमार ने कहा कि नगर निगम और लाइट्सों का प्रबंध देख रहे विभाग के मुलाजिम देख कर भी अनदेखा कर देते हैं। मेंटीनेंस का काम टेंपरेरी तौर पर किया जाता है। जो बड़ी लापरवाही है।

(बाक्स फोटो 35)

कई बार की हैं शिकायतें

स्ट्रीट लाइट्स और इनकी व्यवस्था के लिए कई बार निगम में शिकायत की है, परंतु कोई सुनाई नहीं हो रही। खुली पड़ी बिजली की तारें दुर्घटना का कारण बन सकती हैं। एक बार फिर वे इस समस्या को दूर करने के लिए विभाग के अधिकारियों को मिलेगी।

- लीला रानी, कौंसलर वार्ड 39 (बाक्स फोटो 15)

निगम के अधीन नहीं एरिया

लोअर मॉल पर लगी स्ट्रीट लाइट्स का काम नगर निगम के अधीन नहीं है। मेंटेनेंस की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग और पावरकॉम की है। फिर भी कौंसलर होने के नाते बिजली की खुली पड़ी तारों को कवर कराने और भविष्य में लापरवाही न हो के प्रयास करेंगे।

- राजेश मंडोरा, कौंसलर वार्ड 52 वार्ड की लाइट्स व्यवस्था दुरुस्त

वार्ड नंबर 54 की लाइट्स व्यवस्था और सप्लाई खंभों की व्यवस्था दुरुस्त है। मेन रोड या चौक पर खंभों से निकल रही तारों को व्यवस्थित करने की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी की है। हां वे शिकायत जरूर कर सकते हैं। नगर निगम के तहत आने वाले इलाकों को वे प्राथमिकता देते हुए हर समस्या दूर करते हैं।

- विजय कूका, कौंसलर वार्ड 54

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