राज्य के पॉल्यूशन सेंटरों का रिकॉर्ड ऑनलाइन करने की तैयारी में ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट

ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में पॉल्यूशन सेंटरों को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस मामले को लेकर गत दिनों पॉल्यूशन डिपार्टमेंट व ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारियों के बीच एक बैठक भी हो चुकी है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Mar 2019 12:21 AM (IST) Updated:Fri, 15 Mar 2019 12:21 AM (IST)
राज्य के पॉल्यूशन सेंटरों का रिकॉर्ड ऑनलाइन करने की तैयारी में ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट
राज्य के पॉल्यूशन सेंटरों का रिकॉर्ड ऑनलाइन करने की तैयारी में ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट

जागरण संवाददाता.पटियाला

ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में पॉल्यूशन सेंटरों को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस मामले को लेकर गत दिनों पॉल्यूशन डिपार्टमेंट व ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारियों के बीच एक बैठक भी हो चुकी है। हालांकि मामले को लेकर फिलहाल काम शुरू नहीं हुआ है। मगर उम्मीद यह है कि लोकसभा इलेक्शन के बाद अधिकारी इन सेंटरों के काम को ऑनलाइन करने को लेकर प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। फिलहाल इन सेंटरों का रिकॉर्ड मैन्यू ही चलता आ रहा है।

पॉल्यूशन सेंटर ऑनलाइन से फर्जीवाड़ा होगा खत्म

जानकारी के अनुसार ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के पॉल्यूशन सेंटरों का रिकॉर्ड ऑनलाइन करने से इन सेंटरों में होने वाला फर्जीवाड़ा खत्म होगा। सूत्रों के अनुसार विभिन्न सेंटर ऐसे भी हैं, जो गाड़ियों का पॉल्यूशन बिना चेक किए ही पॉल्यूशन सर्टिफिकेट गाड़ी मालिक को दे देते हैं। अगर ये सेंटर ऑनलाइन हो जाते हैं तो कोई भी सेंटर कर्मचारी फर्जीवाड़े से सर्टिफिकेट जारी नहीं कर सकेगा। वहीं दूसरी ओर राज्य के सभी सेंटरों का रिकॉर्ड ऑनलाइन होगा। इससे ये जानकारी मिलेगी कि किस सेंटर मालिक ने अपने सेंटर का लाइसेंस रिन्यू करवाया है या नहीं। बता दें कि अगर कोई व्यक्ति पॉल्यूशन सेंटर लेता है, तो पहले उससे ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट से संपर्क करना पड़ता है। इस दौरान संबंधित व्यक्ति को पॉल्यूशन डिपार्टमेंट से भी परमिशन लेनी पड़ती है। इसके बाद ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट संबंधित व्यक्ति को सेंटर खोलने का सर्टिफिकेट देता है।

कोट्स

डिपार्टमेंट पॉल्यूशन सेंटरों का रिकॉर्ड ऑनलाइन करने की तैयारी कर रहा है। सेक्शन अफसर ने कुछ मीटिग अटेंड की थी। लोकसभा चुनाव के बाद इस मामले पर अगली कार्रवाई होने की संभावना है।

-अरविद कुमार, आरटीए

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