11वीं व 12वीं के लिए भी पढ़ो, पंजाब पढ़ाओ पंजाब लागू करने की तैयारी

10वीं के बाद बाद अब शिक्षा विभाग की ओर से 11वीं और 12वीं में भी पंजाब सरकार की ओर से पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब प्रोजेक्ट को लागू करने का फैसला किया है। अब तक की स्थिति के अनुसार इस प्रोजेक्ट की जो रूपरेखा तैयार की गई है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Nov 2018 04:44 PM (IST) Updated:Thu, 15 Nov 2018 06:12 PM (IST)
11वीं व 12वीं के लिए भी पढ़ो, पंजाब पढ़ाओ पंजाब लागू करने की तैयारी
11वीं व 12वीं के लिए भी पढ़ो, पंजाब पढ़ाओ पंजाब लागू करने की तैयारी

जागरण संवाददाता। पटियाला

10वीं के बाद बाद अब शिक्षा विभाग की ओर से 11वीं और 12वीं में भी पंजाब सरकार की ओर से पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब प्रोजेक्ट को लागू करने का फैसला किया है। अब तक की स्थिति के अनुसार इस प्रोजेक्ट की जो रूपरेखा तैयार की गई है। इसके तहत पहले केवल साइंस स्टूडेंट्स के लिए इसे लागू किया जा रहा है। लेक्चररों का मानना है कि साइंस विषय से संबंधित स्टूडेंट्स का तो अपना सिलेबस ही पूरा करना अपने आप में चुनौती है। ऐसे में इसे साथ में पढ़ाना मुश्किल है। वहीं, दूसरी ओर गवर्नमेंट स्कूल लेक्चरर यूनियन की ओर से एजुकेशन सेक्रेटरी को पत्र लिखकर बताया कि ग्राउंड लेवल पर आ रही समस्याओं संबंधी बताने की कोशिश की है। पत्र में लिखा गया है कि साइंस स्टूडेंट्स के लिए विभिन्न विषयों प्रश्न बैंक तैयार किए गए हैं। इस प्रश्नों की रिवीजन, क्लास टेस्ट, प्री बोर्ड टेस्ट आदि तो समझ आते हैं, जो स्टूडेंट्स के सालाना रिजल्ट में कुछ प्रतिशत बढ़ोतरी करने की संभावना रखता है। मगर इस प्रोजेक्ट के तहत विभाग की ओर से विभिन्न जिलों के डीएम द्वारा लेक्चररों को ई-कंटेंट तैयार करने के लिए जो निर्देश जबरदस्ती दिए जा रहे हैं, ये निर्देश भौतिक हालातों और समय अनुसार अनुकूल नहीं हैं। इस तरह की गतिविधियों में साइंस लेक्चरर को इस समय उलझाने से स्टूडेंट्स के नतीजे पर बुरा असर पड़ने की संभावनाएं मौजूद हैं।

बचे सेशन में सिलेबस कवर करवाना ही चुनौती

अप्रैल से 31 अक्टूबर 2018 तक अलग-अलग महीनों में स्कूल के काम करने के दिन लगभग 130 दिन हैं। इन दिनों में अक्टूबर महीने के 12 दिन परीक्षा के लिए हर महीने 1 दिन जबकि मासिक टेस्ट के लिए 5 दिन तो काम करने के 90 दिन ही बनते हैं। विभाग की ओर से जारी सिलेबस के अनुसार फिजिकल के 180, कैमिस्ट्री के 210, मैथ के 200, बायो के 195 पीरियडों का शेड्यूल निर्धारित है। इस तरह से किसी भी विषय का 60 प्रतिशत से ज्यादा सिलेबस मुकम्मल नहीं हुआ। बचे सेशन में अध्यापकों के पास केवल 62 दिन बाकी हैं। इस तरह की स्थिति में अध्यापक फरवरी तक सिलेबस मुकम्मल करने की संभावना नहीं रखता अगर अध्यापक जनवरी तक सिलेबस मुकम्मल करके फरवरी महीने में स्टूडेंट्स के तैयारी टेस्ट नहीं ले सकेगा तो इसका रिजल्ट पर असर पड़ेगा। इसके अलावा सभी स्टूडेंट्स को एजुसेट अटेंड करने भी जरूरी है।

इस सेशन में लागू करना संभव नहीं : इकबाल सिंह

पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब इस सेशन में लागू करना संभव नहीं है। अगर फिर भी जबरदस्ती लागू किया जाता है तो इसका असर स्टूडेंट्स के रिजल्ट पर पड़ेगा। स्टूडेंट्स की भी समझने की समर्था है। साइंस स्टूडेंट्स पर पहले ही पढ़ाई का ज्यादा बोझ रहता है। ऐसे में अगर उन पर ये प्रोजेक्ट भी लागू होता है तो इसका उनके रिजल्ट पर सीधे तौर पर असर पडेगा।

-इकबाल ¨सह, सीनियर उप-प्रधान

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