निगम ने चार घंटे कम की वाटर सप्लाई, अब 12 की बजाए आठ घंटे ही मिलेगा पानी

शहरवासियों को शुक्रवार से 12 घंटे के जगह अब 8 घंटे वाटर सप्लाई होगा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Oct 2019 01:04 AM (IST) Updated:Fri, 18 Oct 2019 01:04 AM (IST)
निगम ने चार घंटे कम की वाटर सप्लाई, अब 12 की बजाए आठ घंटे ही मिलेगा पानी
निगम ने चार घंटे कम की वाटर सप्लाई, अब 12 की बजाए आठ घंटे ही मिलेगा पानी

जागरण संवाददाता, पटियाला : शहरवासियों को शुक्रवार से 12 घंटे के जगह अब 8 घंटे वाटर सप्लाई होगा। निगम ने व्यर्थ बह रहे पानी की बचत के लिए ये फैसला लिया है। निगम ने रोजाना करीबन सात करोड़ 81 लाख 44 हजार गैलन पानी की बर्बादी होने से बचाने का दावा किया है। मेयर संजीव शर्मा बिट्टू और निगम कमिश्नर पूनमदीप कौर और अन्य अधिकारियों की मीटिग में मेयर ने कहा कि सर्दी के मौसम में पानी की मांग गर्मी की तुलना आधी रह जाती है।

निगम लंबे समय से अपने 148 ट्यूबवेल को रोजाना 12 घंटे चलाकर धरती के सीने से 23 करोड़ 44 लाख 32 हजार गैलन पानी निकालता आ रहा था, जिसे अब कम कर धरती में से 15 करोड़, 62 लाख, 88 हजार गैलन पानी को ही निकाला जाएगा। पानी की सप्लाई सीमा में की गई चार घंटे की कटौती से यदि किसी को दुविधा होती है तो वह घर या व्यवसायिक यूनिट पर पानी को स्टोर करके दुविधा से बच सकता है।

सरकारी रिकार्ड का हवाला देते हुए मेयर संजीव बिट्टू ने कहा कि तय नियमानुसार एक व्यक्ति को रोजाना 135 लीटर पानी की जरूरत है। करीब पांच लाख की आबादी वाले पटियाला शहर को रोजाना करीब 15 करोड़ गैलन पानी की जरूरत है। निगम के पास इस समय 148 ट्यूबवेल काम कर रहे हैं, जिनके जरिए अभी तक रोजाना 12 घंटे की सप्लाई से 23 करोड़ 44 लाख 32 हजार गैलन पानी की सप्लाई की जा रही थी। चार घंटे की कटौती के बाद भी निगम शहर को रोजाना आठ घंटों में 15 करोड़ 62 लाख 88 हजार गैलन पानी की सप्लाई करता रहेगा।

पानी की स्टोरेज न होने से हो रही थी बर्बादी

मेयर और निगम कमिश्नर ने कहा कि शहर में निगम की अधिकतर सप्लाई ट्यूबवेलों के जरिए सीधे तौर पर की जा रही थी। चूंकि निगम के पास पीने के पानी को स्टोर करने का कोई साधन नहीं है, इसी कारण सर्दी के दिनों में सप्लाई किए जा रहे करीब 7 करोड़ 81 लाख 44 हजार गैलन पानी को व्यर्थ में सीवरेज लाइनों में बहाया जा रहा था, जो शुक्रवार से पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। इसी के साथ फैसला किया गया है कि शहर के जिस किसी हिस्से में किसी को निगम से पानी का कनेक्शन लेना होगा, उसे आवेदन के साथ अपनी इमारत का पास करवाया नक्शा साथ में देना लाजमी होगा। साथ ही जिन लोगों ने पानी के अवैध कनेक्शन लिए हैं, उन्हें तुरंत निगम बंद करने की कार्रवाई करेगा।

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