नामधारी संप्रदाय की माता चंद कौर हत्या मामले में सीबीआइ ने की पहली गिरफ्तारी

पटियाला नामधारी संप्रदा के पूर्व प्रमुख दिवंगत सतगुरु जगजीत सिंह की पत्नी माता चंद कौर के कत्ल केस में सीबीआई ने वीरवार को पहली गिरफ्तारी की है। सेंट्रल जेल पटियाला में बंद पलविदर सिंह उर्फ डिपा को सीबीआई ने हिरासत में लिया।डिपा जालंधर टिफिन कार बम विस्फोट मामले में पटियाला की सेंट्रल जेल में बंद था। डिपा को हिरासत में लेने के बाद वीरवार को मोहाली में सीबीआई न्यायाधीश जीएस सेखों की अदालत में पेश किया गया। सीबीआई को अदालत ने 30 सितंबर तक रिमांड पर भेज दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Sep 2019 08:51 PM (IST) Updated:Fri, 27 Sep 2019 06:29 AM (IST)
नामधारी संप्रदाय की माता चंद कौर हत्या मामले में सीबीआइ ने की पहली गिरफ्तारी
नामधारी संप्रदाय की माता चंद कौर हत्या मामले में सीबीआइ ने की पहली गिरफ्तारी

जागरण संवाददाता, पटियाला

नामधारी संप्रदाय के पूर्व प्रमुख दिवंगत सतगुरु जगजीत सिंह की धर्मपत्नी माता चंद कौर के कत्ल केस में सीबीआइ ने वीरवार को पहली गिरफ्तारी की। इस संदर्भ में सेंट्रल जेल पटियाला में बंद पलविदर सिंह उर्फ डिपा को सीबीआइ ने हिरासत में लिया। डिपा जालंधर टिफिन कार बम विस्फोट मामले में पटियाला की सेंट्रल जेल में बंद था। डिपा को हिरासत में लेने के बाद वीरवार को मोहाली में सीबीआइ न्यायाधीश जीएस सेखों की अदालत में पेश किया गया। जहां से सीबीआइ अदालत ने डिपा को 30 सितंबर तक रिमांड पर भेज दिया है।

सीबीआइ के अनुसार डिपा नामधारियों के सिरसा आधारित विरोधी गुट के मुखी दलीप सिंह का पूर्व ड्राइवर था। दिसंबर में जालंधर के दुगरी गांव में जालंधर टिफिन कार बम विस्फोट में उसकी भूमिका की भी जांच चल रही है। पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान पता चला था कि उसे माता चंद कौर को गोली मारने वाले हमलावरों के बारे में पता था। इसके बाद सीबीआइ ने अदालत में एक आवेदन दायर कर डिपा का रिमांड मांगा था। इस बारे में 24 सितंबर को सीबीआइ ने डिंपा के प्रोडक्शन वारंट के लिए सीबीआइ अदालत में यह आवेदन किया था। जिसमें जिक्र किया था कि आरोपित जांच में सहयोग नहीं कर रहा था और इसलिए उसे हिरासत में लेकर पूछताछ करने की मंजूरी दी जाए।

गौर हो कि उक्त मामले में सीबीआइ को जांच सितंबर 2017 में सौंपी गई थी। डिपा जिसे ठाकुर दलीप सिंह के करीबी रिश्तेदार के रूप में भी जाना जाता है, को बैंकॉक (थाईलैंड) में गिरफ्तार किया गया था। जहां से इसे जालंधर टिफिन बम विस्फोट मामले में भारत भेजा गया। ऐसा माना जाता है कि उसने नामधारी संप्रदाय के प्रमुख उदय सिंह को 25 दिसंबर, 2015 को टिफिन बम से निशाना बनाने की साजिश रची थी। ये बम प्लांड की जगह पर पहुंचने से पहले ही रास्ते में कार के अंदर फट गए थे। उदय सिंह को मारने की योजना बनाने में विफल होने के बाद पलविदर फरार हो गया था। उदय सिंह के करीबी साथी व नामधारी अवतार सिंह तारी को 2011 में भैणी साहिब में गोली मार कत्ल कर दिया गया था। इस मामले में भी डिपा शक के दायरे में है। साल 2017 में पूर्व सरकार ने इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआइ को सौंप दिया था।

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