कर्मचारी विरोधी नीतियों पर भड़के रोडवेज कर्मी

जागरण संवाददाता, पठानकोट : चिर लंबित मांगों को मनवाने के लिए मंगलवार को पंजाब रोडवेज पठानकोट में कार

By JagranEdited By: Publish:Wed, 09 May 2018 12:38 AM (IST) Updated:Wed, 09 May 2018 12:38 AM (IST)
कर्मचारी विरोधी नीतियों पर भड़के रोडवेज कर्मी
कर्मचारी विरोधी नीतियों पर भड़के रोडवेज कर्मी

जागरण संवाददाता, पठानकोट : चिर लंबित मांगों को मनवाने के लिए मंगलवार को पंजाब रोडवेज पठानकोट में कार्यरत समूह यूनियनों ने सांझी एक्शन कमेटी के बैनर तले गेट रैली कर सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। कर्मचारी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे थे कि उनकी मानी गई मांगों को लागू करने में यह दिलचस्पी नहीं दिखा रही जिसको लेकर कर्मचारियों में सरकार के प्रति रोष बढ़ता जा रहा है।

मंगलवार को आयोजित गेट रैली में एटक, इंटक, कर्मचारी दल, कंडक्टर यूनियन, ड्राईवर यूनियन, वर्कशॉप यूनियन, पनबस यूनियन और मिनिस्ट्रियल यूनियन के सदस्यों ने भाग लिया।

संबोधित करते हुए पदाधिकारियों ने कहा कि पिछले लंबे समय से सरकार से जायज मांगे पूरी करने की मांग कर्मचारियों की ओर से की जा रही है। लेकिन, बावजूद इसके सरकार ने कर्मचारियों की मांगों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया है।

वक्ताओं ने कहा कि यदि सरकार ने मांगें न मानीं तो 23 मई को एक दिवसीय हड़ताल की जाएगी जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी। इस मौके पर एटक के प्रदेश प्रधान इकबाल ¨सह, जिलाप्रधान शक्ति मल्होत्रा, सचिव कुलदीप ¨सह, इंटक के प्रधान सरबजीत ¨सह, सचिव मलकीत ¨सह, कर्मचारी दल के प्रधान अप¨रदर ¨सह, सचिव गगनदीप ¨सह, कैशियर कश्मीर ¨सह, कंडक्टर यूनियन के चेयरमैन राजपाल सैनी, सचिव प्रीतम, प्रधान लख¨वदर ¨सह, ड्राईवर यूनियन के प्रदेश प्रधान भगवती चरण, प्रदेश सचिव प्रवीन, जिलाप्रधान बलबीर ¨सह, वर्कशॉप यूनियन के सचिव वैष्णो दास, जिलाप्रधान जनकराज, कैशियर र¨वदर ¨सह, पनबस यूनियन के प्रधान सुख¨वदर ¨सह, सचिव कमलजोत, राजकुमार, जो¨गदर पाल, मिनिस्ट्रियल यूनियन के प्रधान यशपाल, सचिव सुभाष चंद्र, कीमती लाल, कैशियर सोनू आदि मौजूद थे। ये हैं कर्मियों की मुख्य मांगें

पनबस कर्मचारियों को पक्का किया जाए, समान काम समान वेतन के सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर को लागू किया जाए, रोडवेज में बजट पास करके नई बसें शामिल की जाएं, छठे पे कमिशन को लटकाने की बजाय जल्द लागू किया जाए, महंगाई भत्ते की तीन किश्तों को नकद जारी किया जाए, 22 महीनों का पिछला बकाया जल्दी लागू किया जाए, वर्कशॉप में नई भर्ती पक्के तौर पर की जाए, रोडवेज को कोरपोरेशन में तबदील न किया जाए, रोडवेज का टाईम टेबल शिफ्टों में बनाया जाए, प्राइवेट ट्रांसपोर्ट माफिया को नकेल डाली जाए, बंद पड़े रूटों पर नयी बसें शुरू की जाए आदि।

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