पठानकोट में फर्श पर डिलीवरी का मामला, महिला के पति ने सिविल पहुंचकर जांच कमेटी को दिया बयान

पठानकोट सिविल अस्पताल में फर्श पर महिला के प्रसव के मामले में अस्पताल प्रशासन की ओर से चार सदस्यों की कमेटी गठित की गई है। इसी कमेटी की ओर से सोमवार को पीड़िता के पति जंग बहादुर के बयान दर्ज किए गए हैं।

By Vinod kumarEdited By: Publish:Mon, 03 Oct 2022 06:34 PM (IST) Updated:Mon, 03 Oct 2022 06:36 PM (IST)
पठानकोट में फर्श पर डिलीवरी का मामला, महिला के पति ने सिविल पहुंचकर जांच कमेटी को दिया बयान
जांच कमेटी के सदस्यों ने पीड़िता के पति जंग बहादुर के बयान दर्ज किए हैं।

संवाद सहयोगी, पठानकोट। सिविल अस्पताल के लेबर रूम के बाहर बच्ची को जन्म देने के मामले को लेकर गठित जांच कमेटी द्वारा सोमवार को पीड़िता के पति के बयान दर्ज किए गए। जांच कमेटी के सदस्यों ने पीड़िता के पति जंग बहादुर की ओर से दिए गए बयान के बारे में बताने से इनकार किया गया है। सिविल के सूत्रों के मुताबिक जांच कमेटी के समक्ष अपनी बात रखते हुए जंग बहादुर इस बात पर कायम रहा कि बीते मंगलवार की रात जब वो पत्नी को अस्पताल में दाखिल कराने लेकर आया था, तो उस समय ड्यूटी पर तैनात स्टाफ द्वारा उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया और उसकी पत्नी को दाखिल करने से भी इनकार कर दिया था।

यहां तक कि उसकी पत्नी की अवस्था का ध्यान न रखते हुए उसके द्वारा मना करने के बावजूद पत्नी को अमृतसर रेफर कर दिया था। इसके कुछ देर बाद ही उसी रात जंग बहादुर की पत्नी द्वारा लेबर रूम के बाहर फर्श पर ही एक बच्ची को जन्म दे दिया।

इस मामले में जिला प्रशासन द्वारा संज्ञान लेने के साथ ही राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की ओर से भी कड़ा संज्ञान लिया है। राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग की ओर से इस मामले की जांच कराने संबंधी मंडलायुक्त, आइजी पुलिस, डीसी, चिकित्सा अधीक्षक और चीफ मेडिकल आफिसर को लिखित निर्देश जारी करने के साथ ही सात दिन में आयोग को जांच रिपोर्ट सौंपने के भी सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि सिविल अस्पताल प्रशासन की ओर से मामले की जांच के लिए चार सदस्यों की कमेटी गठित की गई है। इसी कमेटी की ओर से सोमवार को पीड़िता के पति जंग बहादुर के बयान दर्ज किए गए हैं। इससे पहले सिविल अस्पताल से डाक्टरों की टीम घटना के बाद से लगातार मरीज के संपर्क में रही व मरीज को इलाज के लिए मनाती रही, लेकिन मरीज के पति का कहना था कि जब समय पर पत्नी को इलाज नहीं मिला तो अब कोई फायदा नहीं।

बीते वीरवार की रात को दो बार अस्पताल की टीम मरीज के घर पहुंची थी, लेकिन पीड़ित पक्ष अपने बयानों पर अड़ा रहा। शनिवार देर शाम सिविल में गठित जांच टीम के सदस्य मरीज के घर पर पहुंचे थे। मरीज के पति जंग बहादुर ने सोमवार को सिविल में आकर बयान देने की बात कही थी। इसी के चलते जंग बहादुर सोमवार को सिविल अस्पताल पहुंचा था।

उल्लेखनीय है कि मामले की जांच के लिए गठित चार सदस्यीय टीम में डा. राज कुमार परिवार एवं भलाई अधिकारी, डा. बंधना कौंडल डीएमसी, डा. बिंदु गुप्ता एसएमओ घरोटा व डा. हरनवनीत कौर महिला विशेषज्ञ शामिल हैं। जांच टीम के सदस्यों की ओर से इस मामले में जांच जारी होने व विस्तृत रिपोर्ट तैयार किए जाने की बात कही गई है।

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