केवल कथा या कहानियां ही सत्संग नहीं : स्वामी सुरेंद्र
स्थानीय सिंबल चौक स्थित दिव्य ज्योति जागृति संस्थान आश्रम ने मासिक सत्संग समागम करवाया।
जागरण संवाददाता, पठानकोट : स्थानीय सिंबल चौक स्थित दिव्य ज्योति जागृति संस्थान आश्रम ने मासिक सत्संग समागम करवाया। इस मौके पर स्वामी सुरेंद्र ने कहा कि सत्संग के बिना मानव को शांति नहीं आ सकती और केवल कथा या कहानियां ही सत्संग नहीं हैं। सत्संग तो उसे कहा जा सकता है, जहां परमात्मा के नाम को दिखाया जाता है।
उन्होंने कहा कि जिस समय परमात्मा किसी पर प्रसन्न होता है तो उसको सत्संग की प्राप्ति होती है। जिस पर परमात्मा रूठ जाता है उसे साकत पुरुषों का संग प्राप्त होता है। स्वामी ने कहा कि जैसे अशुद्ध सोना जब आग में डाला जाता है तो उसकी सारी मैल खत्म हो जाती है। इसी प्रकार सत्संग में आकर जीव के जन्मों-जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। सत्संग एक रोशनी के समान है, जिसमें हमें अच्छा बुरा सब ठीक दिखाई देने लगता है। स्वामी ने कहा कि सत्संग में आकर जीव को यह पता लगता है कि मैं कौन हूं, कहां से आया हूँ और जीवन का लक्ष्य क्या है। इसलिए हमें अधिक से अधिक समय संत महापुरुषों की संगत में व्यतीत करना चाहिए।