2793.64 करोड़ के शाहपुरकंडी डैम प्रोजेक्ट शुरू

रणजीत सागर बांध परियोजना की दूसरी इकाई शाहपुरकंडी डैम का निर्माण कार्य एक बार फिर सीएम कैप्टन अमरेंद्र ¨सह और ¨सचाई मंत्री के बिना ही अधिकारियों की ओर से औपचारिक रूप से शुरू करवाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Feb 2019 11:33 PM (IST) Updated:Fri, 15 Feb 2019 11:33 PM (IST)
2793.64 करोड़ के शाहपुरकंडी डैम प्रोजेक्ट शुरू
2793.64 करोड़ के शाहपुरकंडी डैम प्रोजेक्ट शुरू

संस, जुगियाल : रणजीत सागर बांध परियोजना की दूसरी इकाई शाहपुरकंडी डैम का निर्माण कार्य एक बार फिर सीएम कैप्टन अमरेंद्र ¨सह और ¨सचाई मंत्री के बिना ही अधिकारियों की ओर से औपचारिक रूप से शुरू करवाया गया। वहीं हैरत की बात यह रही कि इसे दोबारा शुरू करवाने के लिए सांसद सुनील जाखड़ और स्थानीय विधायक भी नहीं पहुंचे। काबिलेगौर हो कि सांसद जाखड़ द्वारा घोषणा की गई थी कि 15 फरवरी को मुख्यमंत्री इसका काम शुरू करवाएंगे। लेकिन न तो इसके उदघाटन के लिए सीएम पहुंचे और न ही ¨सचाई मंत्री। वहीं खुद सांसद और मौजूदा विधायक भी यहां नहीं पहुंचे। जिसके बाद डैम अधिकारियों एंव निर्माण कर रही सोमा कंपनी के अधिकारियों ने काम शुरू करवाया। जानकारी के अनुसार 206 मेगावाट का यह प्रोजेक्ट 2793.64 करोड़ से तैयार होगा। इस मौके पर शाहपुरकंडी बांध परियोजना के एसई हेड क्वाटर सुधीर गुप्ता, लख¨वद्र ¨सह, सु¨रद्र सैनी, जनक राज डोगरा, ज¨तदर अरोड़ा, सतपाल महाजन, राज शेख व अन्य अधिकारी मौजूद थे।

गौरतलब है कि 1979 में तत्काली पंजाब एंव जेएंडके सरकार में रणजीत सागर एवं शाहपुरकंडी बांध बनाने की सहमति हुई थी। 2001 में आरएसडी तो बन गया लेकिन शाहपुरकंडी का कार्य अधर में लटक गया। इसके बाद साल 2008 में तत्कालीन जेएंडके सरकार के आपत्ति जताने के बाद काम आगे नहीं बढ़ पाया। इसके बाद 2013 में जेएंडके की जमीन पर इसका काम शुरू हुआ लेकिन जेएंडके के अड़ियल रवैये के कारण यह काम 2014 में फिर बंद हो गया। जेएंडके ने खुद को हुए नुक्सान का हवाला देते हुए 7 हजार करोड़ की मांग कर समझौता रिवाइज करने की मांग की। पीएम हाउस और जल संसाधन मंत्रालय के दखल पर 2017 में दोनों राज्यों में दोबारा समझौता हुआ और विभिन्न शर्तों के तहत निर्माण शुरू करने की सहमति बनी। जिसके बाद अब दोबारा काम शुरू किया गया है। काबिलेगौर हो कि शाहपुरकंडी बांध बनने से आरएसडी को भी पूरी क्षमता से चलाया जा सकता है। शाहपुरकंडी डैम के बिना आरएसडी भी अधूरा है। तो वहीं शाहपुरकंडी डैम बनने से एक नया पर्यटक स्थल भी बनेगा।

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