मुक्तेश्वर धाम बचाने के लिए भाजपाइयों ने कसी कमर

मुक्तेश्वर धाम को बचाने के लिए भाजपा लगातार बांध प्रशासन से मिलकर उन्हे समस्याओं से अवगत करवा रही है। यह न केवल लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ मसला है बल्कि प्राचीन धरोहर को बचाने की बात है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Apr 2021 11:26 PM (IST) Updated:Tue, 27 Apr 2021 11:26 PM (IST)
मुक्तेश्वर धाम बचाने के लिए भाजपाइयों ने कसी कमर
मुक्तेश्वर धाम बचाने के लिए भाजपाइयों ने कसी कमर

जागरण संवाददाता, पठानकोट : मुक्तेश्वर धाम को बचाने के लिए भाजपा लगातार बांध प्रशासन से मिलकर उन्हे समस्याओं से अवगत करवा रही है। यह न केवल लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ मसला है, बल्कि प्राचीन धरोहर को बचाने की बात है। यह बात सोमवार को दैनिक जागरण के साथ विशेष बातचीत के दौरान सुजानपुर के विधायक दिनेश सिंह बब्बू ने कही। विधायक ने कहा कि इस संबंध में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा और जिला अध्यक्ष विजय शर्मा के साथ वह चीफ इंजीनियर एसके सलूजा से मिले थे। एसके सलूजा ने बताया कि करीब तीन महीने बाद उनकी सेवानिवृत्ति होने वाली है। वह भी चाहते हैं कि इस मसले का इस दौरान हल निकल जाए। बब्बू ने बताया कि बांध प्रशासन और मंदिर की अलग-अलग कमेटियां है। बांध प्रशासन मंदिर के साथ झील की दीवार बनाना चाहता है। जबकि मंदिर कमेटी मंदिर के पास दीवार न लगाने की बात पर अड़ी हुई है। मंदिर कमेटी का कहना है कि यह मंदिर साढे़ पांच हजार साल का इतिहास समेटे हुए हैं, जिसपर खतरा आ जाएगा। यह एक टेक्निकल मामला है। वहीं एसके सलूजा ने बताया कि आरएसडी की ओर से तैयार की गए डिजाइन में दीवार मंदिर के पास बनाई जानी है। इसके बाद दीवार के ऊपरी हिस्से को मंदिर कमेटी इस्तेमाल कर सकती है। इससे उनको दोगुनी जगह मिल जाएगी। चीफ इंजीनियर ने भाजपा प्रतिनिधियों से कहा कि यह बात आप मंदिर कमेटी को बता दें ताकि मसले का हल निकले और काम शुरू करवाया जा सके।

मुक्तेश्वर धाम प्रबंधक कमेटी और मुक्तेश्वर धाम बचाओ समिति ने बांध प्रशासन से कई बार बैठक की। इसमें मांग की थी कि इस पावन स्थल को बचाने के लिए 300 मीटर लंबी व 65 फीट ऊंची दीवार के निर्माण के साथ मंदिर के नाम पर 11 एकड़ भूमि से पार्किग, रसोई, लंगर हाल, अस्तियों को प्रवाहित करने के लिए घाट, स्नान घाट, जोड़ाघर, कंट्रोल रूम, भंडार घर, सराय और लंगर निर्माण के लिए जगह अलाट की जाए ताकि इस धार्मिक स्थल की धरोहर को बचाया जा सके।

सोमवार को किया जाना था दौरा

पंजाब जल स्तोत्र विभाग के डिजाइन आफिस के चीफ इंजीनियर नरेंद्र कुमार जैन, चीफ इंजीनियर सलूजा और भूवैज्ञानिक विभाग की टीम 26 अप्रैल को मुक्तेश्वर धाम आने वाली थी। बताया जा रहा है कि दौरे के दौरान बातचीत करके इस मसले का हल निकालना था। मगर चीफ इंजीनियर एसके सलूजा कोरोना पाजिटिव हो गए, जिससे दौरा रद कर दिया गया। इसकी जानकारी अभियंता हेडक्वार्टर लखविदर सिंह ने दी। चीफ इंजीनियर डिजाइन नरेंद्र कुमार जैन ने कहा कि मुक्तेश्वर धाम को बचाने के लिए अलग-अलग प्रपोजल आई है, जिसके लिए सोमवार ही मुक्तेश्वर धाम जाना था पर नहीं जा सके।

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