मन की इच्छाएं ही दुखों का मूल कारण : आचार्य चेतना नंद
मालेवाल में अष्टमी को समर्पित तीन दिवसीय सालाना संत समागम शुरू हो गया है।
जेएनएन, बलाचौर : सतगुरु भूरीवाले गुरगद्दी परंपरा (गरीबदासी सम्प्रदाय) प्रमुख सतगुरु ब्रह्म सागर भूरीवालों की चरणछोह तप स्थल धरती श्री ब्रह्म सरोवर धाम भूरीवालों के मालेवाल में अष्टमी को समर्पित तीन दिवसीय सालाना संत समागम शुरू हो गया है। गद्दीनशीन आचार्य चेतना नंद महाराज भूरीवालों की सरपरस्ती में शुरू हुए इस कार्यक्रम में आचार्य चेतना नंद महाराज भूरीवालों ने संगतों को उपदेश दिया। उन्होंने कहा कि कलयुग का जीव भौतिक पदार्थो की इच्छा रख संसार में सुख भूलता है। जीव के मन की इच्छाएं ही जीव को दुख देती हैं। इस मौके संत महापुरुषों में स्वामी हरबंस लाल ब्रह्मचारी डेहलों, स्वामी फुम्मण दास, स्वामी सत्तदेव ब्रह्मचारी सहित सत्तपाल भूंबला, ठेकेदार वासदेव भूंबला, ठेकेदार भजन लाल, गुरदास भूंबला, डा. यशपाल बूथगढ़, चौधरी अच्छर दास, शम्मी भूंबला, भक्त हरनाम दास, रामजी भक्त, सुरजीत भूंबला, राज कुमार बूथगढ़, राम स्वरूप फौजी मास्टर बलवीर कटारिया, दर्शन मुंडन पंजाब पुलिस, भक्त सतनाम गोलूमाजरा, धर्मपाल भूम्बला, बलवीर भूंबला पूर्व उप चेयरमैन समिति, गुरमेल भक्त, चौधरी कुन्दन लाल, काला बूथगढ़, काकु मुल्लांपुर समेत बड़ी संख्या में मालेवाल, बूथगढ़, झंडूपुर आदि गांवों की भूरीवालों की नाम लेवा संगत उपस्थित थी।