ओट सेंटरों में 1200 लोग नशा त्यागने का करवा रहे इलाज

संवाद सूत्र, नवांशहर : बलाचौर, बंगा, राहों, काठगढ़, सड़ोया, मुकुंदपुर और नवांशहर में पंजाब सरकार की ओ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 07:09 PM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 07:09 PM (IST)
ओट सेंटरों में 1200 लोग नशा त्यागने का करवा रहे इलाज
ओट सेंटरों में 1200 लोग नशा त्यागने का करवा रहे इलाज

संवाद सूत्र, नवांशहर : बलाचौर, बंगा, राहों, काठगढ़, सड़ोया, मुकुंदपुर और नवांशहर में पंजाब सरकार की ओर से नशा पीड़ितों के इलाज करवाने के लिए मुहिम के तहत जिले में कार्यशील ओट सेंटर 1200 नशा पीड़ितों के इलाज के लिए आवश्यक भूमिका निभाने में सक्षम साबित हुए हैं। जिले में इस साल मई में नवांशहर और बलाचौर में नशा पीड़ितों को यूनिक आईडी देकर इलाज देने के लिए दो केंद्र शुरू किए थे। इन ओट सेंटरों की सफलता को ध्यान में रखते हुए सितंबर के आखिर में पांच नए ओट सेंटर स्थापित किए। सेंटरों में बलाचौर सब डिविजन में काठगढ़ और सड़ोया, नवांशहर सब डिविजन में राहों और बंगा सब डिविजन में बंगा और मुकुंदपुर शामिल हैं। सिविल सर्जन डॉ. गु¨रदर कौर अनुसार मई से जुलाई तक नवांशहर और बलाचौर में स्थापित दोनों ओट सेंटरों में 614 नशा पीड़ितों की रजिस्ट्रेशन हुई, जबकि सितंबर के दौरान पांच और ओट सेंटरों की स्थापना करने के बाद 15 नवंबर तक इनसे इलाज लेने वाले पीड़ितों की गिनती 1200 हो गई है।

केंद्र में टेस्ट के साथ दवा बिल्कुल नि:शुल्क

ओट सेंटरों से नशा पीड़ितों का इलाज लेने वालों का मुख्य कारण टेस्ट और दवाइयों का मुफ्त होना है। वहीं रजिस्टर करने के बाद जारी किए यूनिक आईडी द्वारा पंजाब के किसी भी शहर अथवा जिले में चल रहे ओट सेंटर से दवाई लेने की सुविधा मिलना है। आमतौर पर ओट सेंटर में दवाई लेने के लिए जाना पड़ता है। लेकिन अब यदि किसी पीड़ित को किसी काम के लिए शहर जाना पड़ जाए तो वह उस दिन अथवा जब तक शहर से बाहर है तब तक दवाई अपने नजदीक के ओट सेंटर से यूनिक आइडी दिखाकर खा सकता है।

पीड़ितों की गुप्त रखी जाती है पहचान

ओट सेंटरों में रजिस्टर होने वाले नशा पीड़ितों का रिकॉर्ड गुप्त रखा जाता है जिसके कारण उनकी पहचान गुप्त रखने का भरोसा होता है। इसी कारण नशा पीड़ित ओट सेंटरों से दवाई लेने को पहल देते हैं। सिविल सर्जन अनुसार इन ओट सेंटरों को चलाने वाले विभागीय डॉक्टरों को सेहत विभाग द्वारा नशा पीड़ितों के इलाज के लिए सिखलाई दी गई है, ताकि वह उनका अच्छे ढंग से इलाज करके नशे के बुरे प्रभावों से मुक्त कर सके। इसके अलावा सेंटरों में नशा पीड़ितों को नशे के खिलाफ जागरूक करने के लिए काउंस¨लग सुविधा भी दी गई है।

नशा पीड़ित का इलाज कराने को करें मदद

सिविल सर्जन ने जिले के लोगों से अपील की कि यदि उनके संपर्क में कोई ऐसा व्यक्ति है जो नशे से पीड़ित है तो वह उसको प्रेरणा देकर नजदीक के ओट सेंटर में ले जाएं और उसका इलाज करवाने में उसकी सहायता करें। समाज में नशे के कोहड़ को खत्म करने के लिए हमें इन पीड़ितों का इलाज करवाने के लिए आगे आना होगा।

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