पंजाब के दिलजीत ने जीता कनाडा के वोटरों का दिल, विनिपेग के विधायक बने

मुक्तसर के एक छोटे से गांव भंगचड़ी में किसान परिवार में जन्मे दिलजीतपाल सिंह ने कनाडा जाकर वहां के लोगों का दिल जीत लिया। वह विधायक चुने गए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Thu, 12 Sep 2019 02:04 PM (IST) Updated:Fri, 13 Sep 2019 08:26 AM (IST)
पंजाब के दिलजीत ने जीता कनाडा के वोटरों का दिल, विनिपेग के विधायक बने
पंजाब के दिलजीत ने जीता कनाडा के वोटरों का दिल, विनिपेग के विधायक बने

जेएनएन, श्री मुक्तसर साहिब। मुक्तसर के एक छोटे से गांव भंगचड़ी में किसान परिवार में जन्मे दिलजीतपाल सिंह ने कनाडा जाकर वहां के लोगों का दिल जीत लिया। अब उन्हें वहां के विनिपेग शहर का विधायक चुना गया हैै। गांव में ही छठी तक पढ़ाई करने के बाद दिलजीत ने दसवीं तक गांव रुपाणा के सरकारी स्कूल से शिक्षा हासिल की। उसके बाद डीएवी चंडीगढ़ से प्लस टू करने के बाद वह पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में चले गए।

चंडीगढ़ में उन्होंने बीएससी एग्रीकल्चर करने के बाद अस्सिटेंट प्रोफेसर की नौकरी भी की। नौकरी के दौरान वह गुरदासपुर, फतेहगढ़ साहिब व लुधियाना में रहे। 2010 में वह कनाडा चले गए। वहां पहले सरी में बाद में विनिपेग के मोनीटोबा में रहने लगेे। दलजीत के पिता मंगल सिंह बताते हैं कि भंगड़े का शौकीन होने के कारण दिलजीतपाल ने वहां एक डांस अकादमी बुल्ला आर्ट सेंटर भी खोला। उनके साथी डॉ. अनिल शर्मा ने बताया कि कम कद के होने के बावजूद दिलजीत पीएयू में शानदार भंगड़ा करते थे। बाद में वह भंगड़ा टीम के कप्तान और कोच भी बने।

आजाद लड़ा चुनाव

48 वर्षीय दिलजीत दिलजीत के पिता ने बताया कि लोगों के कहने पर ही बेटे ने चुनाव लड़ा और जीत गए। उनका पहले कोई भी राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं है। दिलजीत के दादा एक बार गांव के सरपंच बने थे। उनका दूसरा बेटा भी कैलिफोर्निया में ही रहता है। बेटे के विधायक बनने की खुशी माता अमरजीत कौर ने गांव में मिठाई बांटी।

'चंगी खेती' में लिखते रहे लेख

पीएयू की मासिक मैगजीन 'चंगी खेती' में भी सामाजिक मामलों पर लगातार लेख लिखते रहे। दिलजीत पाल के विधायक बनने पर यूनिवर्सिटी में भी खुशी का माहौल है।

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