रोडवेज के अस्थायी कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से 85 बसों पर लगी ब्रेक

पिछले लंबे समय से स्थायी करने की मांग को लेकर अस्थायी कर्मियों ने प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 04:01 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 04:01 PM (IST)
रोडवेज के अस्थायी कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से 85 बसों पर लगी ब्रेक
रोडवेज के अस्थायी कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से 85 बसों पर लगी ब्रेक

जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब

पिछले लंबे समय से स्थायी करने की मांग को लेकर संघर्षरत पंजाब रोडवेज, पनबस एवं कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने एक बार फिर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। मंगलवार को श्री मुक्तसर साहिब डिपो के तमाम 265 अस्थायी कर्मचारी हड़ताल पर रहे। इन कर्मचारियों की हड़ताल से पनबस की 85 बसों का पहिया दिन भर थमा रहा। रोडवेज के स्थायी कर्मचारियों ने ही आठ बसें चलाईं। यह बसें केवल लोकल रूटों पर ही चली। हड़ताल के कारण स्थानीय डिपो को करीब छह लाख रुपये की चपत लग गई। सवारियों को खास कर महिलाओं को जहां परेशानी का सामना करना पड़ा है, वहीं उन्हें किराया भी अदा करना पड़ा। उधर, पंजाब रोडवेज, पनबस व कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन की तरफ से बस स्टैंड परिसर में धरना दिया और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

वक्ताओं ने मांगों की पूर्ति होने तक अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल को जारी रखने का एलान किया। उन्होंने कहा कि पिछले 15 सालों से मामूली वेतन पर काम कर रहे राज्य भर के कर्मचारी अब आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। राज्य सरकार बार-बार उनके साथ वादा कर मुकर रही है। यूनियन के प्रदेश सरपरस्त कमल कुमार, डिपो प्रधान हरजिदर सिंह, महासचिव तरसेम सिंह, लखवीर सिंह मान, अंग्रेज सिंह, गुरमेल सिंह, बलकार सिंह, बेअंत सिंह आदि ने कहा कि पहले कैप्टन अमरिदर सिंह ने उन्हें स्थायी करने का वादा किया था। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी एवं परिवहन मंत्री अमरिदर सिंह राजा वड़िग ने स्थायी करने का भरोसा दिया। जब 36 हजार कर्मचारियों को पक्का करने की पालिसी बनाई गई तो उन्हें इससे बाहर रख दिया गया। एक दिसंबर की कैबिनेट बैठक में उनकी समस्या का समाधान करने का भरोसा दिया गया। लेकिन इस बैठक में भी उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया। जिसके चलते प्रदेश भर के कर्मचारियों को अनिश्चितकाल की हड़ताल पर जाने के लिए विवश होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी अब पीछे नहीं हटेंगे और अपना हक लेकर ही काम पर लौटेंगे।

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