आध्यात्मिक बनने को अपने अंतर जगत से जुड़ें:भाई संदीप

दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा गांव दूहेवाला में दो दिवसीय कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया। जिसके पहले दिवस में भाई साहिब भाई संदीप ¨सह ने कहा कि वर्तमान समाज में बहुत से लोग अध्यात्म के मार्ग पर चल रहे है पर ये दावा खोखला व आधार हीन प्रतीत होता है। क्योंकि उसके अंदर कहीं भी आध्यात्मिकता झलकती दिखाई नहीं देती। असल रूप में आध्यात्मिक बनने की पहली मुख्य शर्त यह है कि हम अध्यात्म के मूल अर्थ को जान जाए ।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Sep 2018 03:46 PM (IST) Updated:Wed, 19 Sep 2018 03:46 PM (IST)
आध्यात्मिक बनने को अपने अंतर जगत से जुड़ें:भाई संदीप
आध्यात्मिक बनने को अपने अंतर जगत से जुड़ें:भाई संदीप

संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा गांव दूहेवाला में दो दिवसीय कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया। कीर्तन दरबार के पहले दिन भाई साहिब भाई संदीप ¨सह ने कहा कि वर्तमान समाज में बहुत से लोग अध्यात्म के मार्ग पर चल रहे है पर ये दावा खोखला व आधार हीन प्रतीत होता है क्योंकि उसके अंदर कहीं भी आध्यात्मिकता झलकती दिखाई नहीं देती। असल रूप में आध्यात्मिक बनने की पहली मुख्य शर्त यह है कि हम अध्यात्म के मूल अर्थ को जान जाए। अध्यात्म का सीधा सबंध हमारे अंतर जगत के साथ भाव की हमारी आत्मा से है। व्यक्ति को आध्यात्मिक बनने के लिए अपने इस अंतर जगत से जुड़ना पड़ेगा,परमात्मा का प्रत्यक्ष दीदार करना होगा। भाई संदीप ¨सह ने कहा कि ये तभी संभव हो सकता है जब किसी पूर्ण संत सतगुरु की कृपा से दिव्य नेत्र प्राप्त हो जाए। अगर ऐसा नहीं होता तो हमारी हालत उस अंधे व्यक्ति की तरह है जो अपनी चीजों को हाथ पैर से जानने की कोशिश करता है और धोखा खा जाता है। इस लिए अध्यात्म की जानकारी के लिए दिव्य नेत्र की जरूरत है जो पूर्ण सतगुरु की शरण में जा के ही प्राप्त हो सकता है। इस अवसर पर सरपंच साधु ¨सह जी,पंच जोरा ¨सह जी पंच गुरमीत ¨सह जी भी शामिल हुए।

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