Lok Sabha Election 2024: पिछले 26 सालों से फिरोजपुर सीट पर SAD का कब्जा बरकरार, 1984 के बाद से नहीं जीत पाई कांग्रेस

Lok Sabha Election 2024 फिरोजपुर सीट पर शिअद ने हमेशा सत्ता कायम रखी है। इस सीट पर कांग्रेस ने अंतिम बार 1984 में जीती थी। तब कांग्रेस के गुरदयाल सिंह ढिल्लों सांसद बने थे। वर्ष 1952 में जब देश में पहला लोकसभा चुनाव हुआ ज्यादातर जगहों पर कांग्रेस उम्मीदवार जीते थे। उस समय भी फिरोजपुर सीट पर जीत शिरोमणि अकाली दल की हुई थी।

By Prince Sharma Edited By: Prince Sharma Publish:Wed, 03 Apr 2024 04:54 PM (IST) Updated:Wed, 03 Apr 2024 04:54 PM (IST)
Lok Sabha Election 2024: पिछले 26 सालों से फिरोजपुर सीट पर SAD का कब्जा बरकरार, 1984 के बाद से नहीं जीत पाई कांग्रेस
Lok Sabha Election 2024: पिछले 26 सालों से फिरोजपुर सीट पर SAD का कब्जा बरकरार

राजिंदर पाहड़ा, श्री मुक्तसर साहिब। लोकसभा चुनाव में हलका फिरोजपुर से कांग्रेस ने कई उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं लेकिन वे कांग्रेस की हार को विजय में नहीं बदल सके। फिरोजपुर से कांग्रेस अंतिम बार 1984 में जीती थी। तब कांग्रेस के गुरदयाल सिंह ढिल्लों सांसद बने थे।

उसके बाद से 40 साल बीत गए हैं लेकिन कांग्रेस फिरोजपुर से हार का सूखा खत्म नहीं कर पा रही। फिरोजपुर सीट पर शिरोमणि अकाली दल  (SAD)का 1998 से कब्जा है। शिअद 1998 के बाद से लगातार जीत दर्ज करती आ रही है।

हालांकि, साल 2019 में शिरोमणि अकाली दल छोड़ कांग्रेस में आए दो बार के सांसद शेर सिंह घुबाया पर पार्टी ने दांव खेला था। घुबाया 2009 व 2014 में शिअद की तरफ से लगातार दो बार फिरोजपुर से सांसद चुने गए थे। लेकिन वे 2019 में घुबाया शिअद के सुखबीर सिंह बादल से करीब दो लाख मतों से हार गए।

फिरोजपुर से उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई

घुबाया भी कांग्रेस को जीत का मजा न चिखा सके। अब कांग्रेस 40 साल के सूखे को खत्म करने के लिए किसी मजबूत नेता की तलाश कर रही है। यही कारण है कि अभी तक उन्होंने फिरोजपुर से उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। कांग्रेस की तरफ से एक बार फिर से शेर सिंह घुबाया टिकट की दौड़ में हैं। उनके अलावा जीरा से पूर्व विधायक कुलबीर सिंह जीरा का नाम भी चर्चा में है।

फिरोजपुर से केवल चार बार ही जीती है कांग्रेस

फिरोजपुर में अब तक 17 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। इनमें 11 बार शिअद जीती है जबकि कांग्रेस मात्र चार बार ही जीत हासिल कर सकी है। पहली बार कांग्रेस की तरफ से इकबाल सिंह 1957 और 1962 के आम चुनाव में जीते थे। जबकि बलराम जाखड़ 1980 में और गुरदियाल सिंह ढ़िल्लों 1984 में फिरोजपुर से सांसद चुने गए थे। इस तरह अगर देखें तो 1984 के बाद इस सीट से किसी भी कांग्रेस के उम्मीदवार की जीत नहीं हुई है।

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साल 1952 में जब देश में पहला लोकसभा चुनाव हुआ, ज्यादातर जगहों पर कांग्रेस उम्मीदवार जीते थे। उस समय भी फिरोजपुर सीट पर जीत शिरोमणि अकाली दल की हुई थी। शिरोमणि अकाली दल के बहादुर सिंह ने 1952 के पहली बार आम चुनाव में जीत दर्ज की थी।

फिरोजपुर सीट पर 26 साल से शिअद का कब्जा-

1998 से यानि पिछले 26 साल से फिरोजपुर सीट पर शिअद का कब्जा है। शिरोमणि अकाली दल के जोरा सिंह मान 1998, 1999 और 2004 में सांसद चुने गए। 2009 व 2014 में शिअद के शेर सिंह घुबाया ने जीत दर्ज की। सार संक्षेप में कहा जाए तो लगातार छह बार से ये सीट शिरोमणि अकाली दल के पास है। यानी अकाली दल ने इस सीट पर हैट्रिक पर हैट्रिक लगाई है।

वहीं फिरोजपुर सीट पर दो बार बहुजन समाज पार्टी के मोहन सिंह की भी जीत हुई है। बसपा के मोहन सिंह इस सीट से 1992 और 1996 के आम चुनाव में जीते थे। वहीं एक बार इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार ध्यान सिंह भी जीत चुके हैं।

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