युवक के लिए ऐसे काल बन गया Mobile Headphone, चीखता रहा गेटमैन, पर एक न सुनी...
मोबाइल हैडफोन युवक के लिए काल का कारण बन गया। गेटमैन चिल्लाता रहा लेकिन युवक आगे बढ़ता गया और आखिर ट्रेन की चपेट में आ गया।
जेएनएन, मोगा। कानों में मोबाइल हैडफोन लगा रेलवे ओवरब्रिज से रेलवे ट्रैक पार करते समय परिवार का घर का चिराग न तो ट्रेन के इंजन की आवाज सुन सका न ही गेट मैन की आवाज। उसे बचाने के लिए चीख रहे गेटमैन की आंखों के सामने देखते ही देखते उसके उसकेे शरीर के चीथड़े उड़ाते हुए रेल इंजन आगे बढ़ गया।
रेलवे स्टेशन के पास मंगलवार सुबह लुधियाना से मोगा आ रहे एक इंजन की चपेट में आने से फिरोजपुर के निवासी एक युवक की मौत हो गई। बता दे, उक्त युवक रोजाना आइलेट्स करने के लिए मोगा आता था। मंगलवार को सुबह मोगा पहुंचने के बाद उसके कानों पर हेडफोन लगे हुए थे। वह रेलवे ओवरब्रिज को क्रास कर रहा था। इसी दौरान लुधियाना से मोगा की तरफ आ रहे रेल इंजन को न देख पाने के कारण वह हादसे का शिकार हो गया।
18 वर्षीय मनिदंर सिंह पुत्र निवासी गुरूराम दास नगर जीरा गेट फिरोजपुर के चाचा मनजीत सिंह ने बताया कि मनिंदर सिंह मोगा के जीटी रोड स्थित शहीद भगत सिंह मार्केट में एक आइलेट्स सेंटर में कोचिंग ले रहा था। वह मंगलवार सुबह घर से आया था। रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से उतरकर रेलवे ओवरब्रिज पर बने रेलवे ट्रैक को पैदल पार कर रहा था। वह कानों में हैडफोन लगाकर गीत सुनते हुए चल रहा था। स्टेशन पास होने के कारण लुधियाना की ओर से आ रहे इंजन के चालक ने कई विसिल दी।
मेन बाजार रेलवे फाटक के गेटमैन ने देखा कि वह हैडफोन पर गाने सुनते हुए मस्ती से झूमते हुए चला आ रहा है। उसके ठीक सामने इंजन का उसकी ओर बढ़ रहा है तो गेटमेन ने भी तेज आवाज में चीखते हुए मनिंदर को रेलवे ट्रैक से हट जाने को आवाज लगाई, लेकिन हैडफोन के चलते मनिंदर ने तो इंजिन की आवास सुन सका न ही गेटमैन की। देखते ही देखते मेन बाजार रेलवे फाटक पर ट्रेन की चपेट में आ जाने से किशोर के परखच्चे उड़ गए, मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
सूचना पाकर राजकीय रेलवे पुलिस ने शव कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल पहुंचाया। मृतक के पिता कुलविंदर सिंह के बयानों पर एएसआइ लाल सिंह, एएसआई सुखविंदर सिंह व सोहन सिंह ने पोस्टमार्टम के बाद शव परजनों को सौंप दिया है।
इकलौता बेटा था मां बाप का
मृतक के चाचा मनजीत सिंह ने बताया कि मनिंदर सिंह अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था, उसकी एक बहन है। चाचा बेटे की इस तरह से मौत पर हैरान थे, उनका कहना है कि उनका भतीजा बड़ा समझदार था, पता नहीं कैसे उसने इतनी बड़ी लापरवाही कर दी। मनिदंर सिंह का सपना था कि 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करके कनाडा जाएगा तथा अपने माता पिता समेत पूरे परिवार के सपनों को पूरा कर सके।
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