रामशरणम् आश्रम की प्रार्थना सभा के लिए आतुर साधक
मोगा चलो भाई प्रार्थना सभा चलें। आज अमृतवाणी सत्संग है उसके बाद ही मिल पाऊंगा..। इस तरह की बातें रामशरणम् में होने वाले धार्मिक आयोजनों में भाग लेने वाले साधक कहते सुनाई देते थे। मगर कोविड-19 के चलते मार्च से रामशरणम् आश्रम भक्तों के लिए बंद है।
संवाद सहयोगी, मोगा
चलो भाई प्रार्थना सभा चलें। आज अमृतवाणी सत्संग है उसके बाद ही मिल पाऊंगा..। इस तरह की बातें रामशरणम् में होने वाले धार्मिक आयोजनों में भाग लेने वाले साधक कहते सुनाई देते थे। मगर, कोविड-19 के चलते मार्च से रामशरणम् आश्रम भक्तों के लिए बंद है। बता दें कि रामशरणम् आश्रम मोगा में हर वीरवार सायं प्रार्थना सभा और रविवार को अमृतवाणी सत्संग होता है। इस एक घंटे के कार्यक्रम में भक्त प्रभु राम व अपने गुरु की भक्ति में लीन होकर सर्वभले की प्रार्थना करते है। मगर, कोरोना महामारी के चलते ऐसा नहीं हो पा रहा है। साधकों का कहना है कि छह माह से वे प्रार्थना सभा से वंचित हैं। ऐसे में उनकी भगवान से प्रार्थना है कि वे महामारी को जल्द से जल्द खत्म करें, ताकि वे आश्रम में जाकर प्रभु गुणगान कर सकें।
इस बारे में टींकू बजाज का कहना है कि आश्रम में रोजाना सुबह 6 से 7 तक सत्संग तथा जाप होता था। इसके चलते सुबह जल्दी उठने की रूटीन बनी हुई थी। अब जब से लॉकडाउन के कारण आश्रम के द्वार बंद हैं। तब से सुबह की रूटीन ही टूट गई है। ईश्वर जल्द महामारी को खत्म करे ताकि आश्रम के द्वार खुलें और हम एकत्रित हो सकें।
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द्वार बंद से मायूसी
अनीता सिगल का कहना है कि एक समय था जब हर वीरवार को प्रार्थना सभा से पहले ही पंहुच जाते थे। मगर, जब से आश्रम के द्वार कोविड-19 के कारण बंद हैं तबसे मायूस हैं।
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महामारी जल्द खत्म हो
रेनू पलता का कहना है कि जब से कोविड-19 के कारण द्वार बंद किए गए हैं। दरबार में न जाने से मन को मलाल रहता है। जल्द यह महामारी खत्म हो, ताकि हम आश्रम में एकत्रित हो सकें।
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घर में कर रहे सुमिरन
नीलम कोछड़ का कहना ही कि जिन भक्तो की रगों में प्रभु राम बसे हैं। वे घर में ही अमृतवाणी, सत्संग, व प्रार्थना सभा कर रहे हैं। मगर, जबसे आश्रम के द्वार कोरोना के कारण बंद हैं, तो एक-एक दिन वर्षो के समान है। वह घर पर रोजाना सुबह अमृत वाणी का पाठ व जाप करती हैं और सायं गोहाना से लाइव 5 से 6 तक आने वाले अमृतवाणी सत्संग का श्रवण करती हैं।
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लाइव सत्संग सुन रहे
मंदीप धवन का कहना है कि जीवन में कभी सोचा नहीं था कि ऐसा वक्त भी आएगा कि प्रभु का द्वार ही बंद हो जाएगा। वह रोजाना घर पर ही महाराज की कृपा से जो लाइव सत्संग आता है, उसका उसे श्रवण करते हैं ताकि प्रभु से जुड़े रहें।
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प्रशासन की अनुमति का इंतजार
रामशरणम आश्रम के मुख्य सेवादार प्रदीप बजाज का कहना है किऐसा पहली बार हुआ है कि छह माह से आश्रम बंद है। जब तक प्रशासन से हमें स्पष्ट गाइडलाइन नहीं मिलती व महाराज जी हमें आज्ञा नहीं देते, तब तक हम कोई भी कार्यक्रम नहीं करेंगे।