बेटा बनेगा 'अर्जुन', खुशी में मां की छलकी आंखें, घर पर बधाई देने वालों का लगा तांता

एशिया के नंबर एक शॉटपुटर तेजिंदर पाल सिंह तूर को अर्जुन पुरस्कार मिलने की घोषणा से गांव खोसा पांडो में रविवार को उत्सव जैसा माहौल था।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 18 Aug 2019 08:51 PM (IST) Updated:Mon, 19 Aug 2019 12:28 PM (IST)
बेटा बनेगा 'अर्जुन', खुशी में मां की छलकी आंखें, घर पर बधाई देने वालों का लगा तांता
बेटा बनेगा 'अर्जुन', खुशी में मां की छलकी आंखें, घर पर बधाई देने वालों का लगा तांता

मोगा [सत्येन ओझा]। एशिया के नंबर एक शॉटपुटर तेजिंदर पाल सिंह तूर को अर्जुन पुरस्कार मिलने की घोषणा से गांव खोसा पांडो में रविवार को उत्सव जैसा माहौल था। तूर के घर में बधाई देने वालों का तांता लगा था। मां प्रितपाल कौर लोगों की बधाइयां ले रही थीं। उनकी आंखें खुशी से छलक रही थीं।

प्रितपाल कौर ने कहा कि अगर तेजिंदर के पिता कर्म सिंह हीरो जिंदा होते तो खुशी के मायने ही कुछ और होते। कैंसर से पीडि़त कर्म सिंह का पिछले साल निधन हो गया था। प्रितपाल कौर को बधाई देने के लिए पंजाब खेल विभाग की ओर से जिला खेल अधिकारी बलवंत सिंह भी पहुंचे। हालांकि तूर घर पर नहीं थे। वे इन दिनों पोलैंड में कोच मोहिंदर सिंह ढिल्लों की देखरेख में ट्रेनिंग कर रहे हैं, ताकि विश्व चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन कर सकें।

तेजिंदर ने फोन पर कहा कि अर्जुन पुरस्कार हर खिलाड़ी का सपना होता है। वे अपनी ये उपलब्धि अपने स्व. पिता कर्म सिंह हीरो व मां प्रितपाल कौर को समर्पित करते हैं जो हमेशा उन्हें खेल के क्षेत्र में हीरो बनते देखना चाहते थे। तेजिंदर ने कहा कि अगले महीने विश्व चैंपियनशिप दोहा में है, जिसके चलते वह 29 अगस्त को पुरस्कार समारोह में हिस्सा नहीं ले सकेंगे, लेकिन देश की तरफ से मिले सम्मान ने विश्व चैंपियनशिप से पहले उनके जोश व जज्बे को और बढ़ा दिया है। विश्व चैंपियनशिप में वे हिंदुस्तान का नाम रोशन करने के लिए पूरा दमखम लगा देंगे। इसके साथ ही टोक्यो ओलंपिक के लिए भी तैयारी शुरू कर दी है।

हीरो से नहीं हो सका था 'हीरो' का मिलन

एशियन गेम्स में तेजिंदर ने गोल्ड मेडल जीता था। बेटे को गोल्ड मेडल जीतते हुए उनके पिता कर्म सिंह हीरो ने टीवी पर देखा था। उस समय वह बहुत बीमार थे। घर पर बधाई देने पहुंचे अशोक कुमार ने बताया कि उस समय उनके दोस्त कर्म सिंह काफी बीमार थे। चीन के खिलाड़ी के मुकाबले तेजिंदर का गोला महज तीन इंच ही आगे गिरा था, तब पिता ङ्क्षचतित हो उठे थे। लेटकर टीवी देख रहे कर्म सिंह ने दोस्त मुकेश से उठाकर बैठाने का आग्रह किया और पूरा इवेंट देखा था।

तेजिंदर के गोल्ड मेडल जीतने पर वह काफी खुश हुए थे। दिल्ली एयरपोर्ट पर तेजिंदर का स्वागत करने उसके नौसेना के साथी पहुंचे थे। तेजिंदर गोल्ड मेडल के साथ पहले एनआइएस पटियाला जाना चाहते थे। उनके पिता की मौत हो चुकी थी। जब सभी अंबाला पहुंचे तो तेजिंदर को पिता के निधन की सूचना दी गई। इस पर तेजिंदर सीधे अपने गांव पहुंचे थे।

11 साल की उम्र में शुरू की थी प्रेक्टिस

तूर को शॉटपुट खेलने की प्रेरणा चाचा गुरदेव सिंह से मिली। 11 साल की उम्र से ही चाचा के साथ प्रेक्टिस शुरू की। प्राइमरी शिक्षा के बाद उन्होंने जालंधर के स्पोट्र्स कॉलेज में एडमिशन लिया। यहां पर उनके खेल में काफी निखार आया। तूर ने कहा कि उनके साथ ही कोच मोहिंदर सिंह को द्रोणाचार्य का अवार्ड मिला है। इससे उन्हें दोहरी खुशी है।

तेजिंदर की उपलब्धियां 2016 में ओपन नेशनल में ब्रांज मेडल 2017 में फेडरेशन कप में गोल्ड मेडल एशियन ट्रैक एंड फील्ड में सिल्वर मेडल कजाकिस्तान में गोल्ड मेडल सितंबर 2017 ओपन नेशनल में गोल्ड मेडल जुलाई 2017 इंटर स्टेट में गोल्ड मेडल इंडियन ग्रांड प्रिक्स में गोल्ड मेडल अप्रैल 2018 में कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लिया गुवाहाटी के इंटर स्टेट में गोल्ड मेडल इंंडियन ग्रांड प्रिक्स में गोल्ड मेडल एशियन चैंपियनशिप दोहा में गोल्ड मेडल

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 

chat bot
आपका साथी