आसान नहीं है डगरू स्टेशन पर लोडिग शिफ्ट करना

मोगा गांधी रोड के निकट रेलवे स्टेशन पर से लोडिग-अनलोडिग का काम शिफ्ट होना आसान नहीं है। इसके लिए जहां रेलवे मंत्रालय को फैसला लेना होगा वहीं पंजाब सरकार को मजबूती से पैरवी होगी तभी यहां से काम शिफ्ट हो सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 06:32 PM (IST) Updated:Fri, 04 Dec 2020 07:30 AM (IST)
आसान नहीं है डगरू स्टेशन पर लोडिग शिफ्ट करना
आसान नहीं है डगरू स्टेशन पर लोडिग शिफ्ट करना

सत्येन ओझा, मोगा

गांधी रोड के निकट रेलवे स्टेशन पर से लोडिग-अनलोडिग का काम शिफ्ट होना आसान नहीं है। इसके लिए जहां रेलवे मंत्रालय को फैसला लेना होगा, वहीं पंजाब सरकार को मजबूती से पैरवी होगी, तभी यहां से काम शिफ्ट हो सकता है। डीसी संदीप हंस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए रेलवे, एफसीआइ आदि विभाग के अधिकारियों के साथ कई बैठकें करने के बाद मंथन किया है। उसमें पता चला है कि शिफ्टिंग की अनुमानित लागत लगभग 10 करोड़ रुपये आएगी। इसके लिए अलग से प्लैंथ बनेगा। साथ ही अलग से रेलवे लाइन बिछेगी यानि अलग ट्रैक बनेगा। भाजपा व कांग्रेस नेता अपनी-अपनी सरकारों पर प्रभावी ढंग से दबाव बनाएंगे, तभी समस्या का हल हो सकता है।

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यह है मामला

गांधी रोड फाटक की समस्या को लेकर आक्रोश भड़कने के बाद डीसी संदीप हंस पहले दिन से ही मामले को गंभीरता से लेते हुए इससे संबंधित सभी विभागों के साथ अब तक कई दौर की बात कर चुके हैं। लोडिग-अनलोडिग की शिफ्टिंग की क्या संभावना हो सकती है, हर मुद्दे पर विस्तार से मंथन करने के बाद शिफ्टिंग पर 10 करोड़ रुपये का अनुमानित खर्चा होने की संभावना है। इसके लिए अंतिम फैसला रेलवे मंत्रालय को करना होगा। यह मंडल रेल प्रबंधक फिरोजपुर के वश का मामला नहीं है, क्योंकि बजट रेल मंत्रालय से पास होगा।

सही तस्वीर सामने आने के बाद अब डीसी संदीप हंस ने रेलवे मंत्रालय को लोडिग का काम शिफ्ट करने के लिए अ‌र्द्वशासकीय पत्र रेलवे मंत्रालय को लिखा है। इससे पहले साल 2013-14 में भी प्रस्ताव रेलवे मंत्रालय को भेजा गया था, लेकिन बाद में किसी ने पैरवी नहीं की। किसी सांसद ने शहर की गंभीर हो चुकी इस समस्या को संसद में मुद्दा नहीं बनाया। जिस कारण प्रस्ताव फाइलों में कैद है। डीसी संदीप हंस ने पुष्टि की है कि वह समस्या के हल के लिए हरसंभव कोशिश करेंगे। प्रस्ताव को मंजूरी दिलाने के लिए दिल्ली रेल मंत्रालय में जाना पड़ा, तो जाएंगे।

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समाधान का तरीका

गांधी रोड फाटक की समस्या मोगा के लिए बेहद गंभीर समस्या है, लेकिन रेलवे मंत्रालय के लिए बहुत छोटा मामला है। जब फरीदोकोट लोकसभा क्षेत्र के सांसद या भाजपा के स्थानीय नेता प्रभावी ढंग से रेलवे मंत्रालय में पैरवी करेंगे, कांग्रेस के स्थानीय नेता पंजाब सरकार पर दबाव बनाएं ताकि पंजाब सरकार भी रेलवे मंत्रालय पर प्रभावी ढंग से दबाव बनाए और पैरवी करे, तभी समस्या का समाधान हो सकता है। अभी तक की कड़वी सच्चाई यही है कि साल 2013-14 में डीसी के स्तर पर आधिकारिक पत्र रेलवे मंत्रालय को शिफ्टिंग के लिए लिखा गया था। उसके बाद में किसी ने पैरवी नहीं की।

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रेल मंत्री की बैठक को मंजूरी

मोगा रेलवे स्टेशन पर से लोडिग-अनलोडिग का काम शिफ्ट करने के लिए भाजपा नेता एवं पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर अनिल बंसल ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से गांधी रोड की समस्या को लेकर बैठक के लिए समय मांगा था। रेल मंत्री ने एक सप्ताह के अंदर बैठक को मंजूरी दे दी है। साथ ही पांच लोगों के आधार कार्ड व पहचान पत्र भेजने को कहा है जो बैठक के लिए रेलवे मंत्रालय जाएंगे, ताकि बैठक के लिए संबंधित लोगों को मंजूरी दी जा सके।

इस बारे में भाजपा नेता अनिल बंसल ने कहा कि रेल मंत्री से बातचीत होने के बाद उन्होंने पूर्व पार्षद दीपइंद्र सिंह संधू, दवा विक्रेता राजीव गर्ग, एडवोकेट अजय गुलाटी, राजीव गुप्ता व राज आहूजा से बैठक कर अपने डाक्यूमेंट देने को कहा है। एडवोकेट अजय गुलाटी शिफ्टिंग मामले में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।

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