गोमाता दर्शन, सेवा व परिक्रमा से मिलती है मानसिक शांति : पं. पवन कौशिक
मोगा गोपाल गोशाला में संकीर्तन का आयोजन किया गया। इस दौरान सभी ने ठाकुर जी के दरबार में पूजन कर भजनों का गायन किया।
संवाद सहयोगी, मोगा
गोपाल गोशाला में संकीर्तन का आयोजन किया गया। इस दौरान सभी ने ठाकुर जी के दरबार में पूजन कर भजनों का गायन किया।
आरती के बाद पं.पवन कौशिक ने कहा कि भागदौड़ भरी जिदगी में कोरोना जैसी महामारी से दूषित हुए वातावरण में मानव जीवन एक दायरे में बंद होकर रह गया है। ऐसे वातावरण में आम व्यक्ति का जीवन चिताग्रस्त है। चाहे वह व्यापार से संबंधित हो, स्वास्थ्य से संबंधित हो या भविष्य संबंधित हो, हर व्यक्ति चितित दिखाई देता है। उसे इस भयंकर प्रकोप से बचने का कोई रास्ता दिखाई नहीं देता है। ऐसे माहौल में यदि कहीं मानसिक शांति मिल सकती है, तो वह केवल परमात्मा के स्वरूप के सामने बैठ कर ही मिलती है। उन्होंने कहा कि इस दौरान कुछ समय के लिए व्यक्ति चिता मुक्त होकर दुनियादारी से अलग हो जाता है। सब कुछ भूल जाता है। इसी मानसिक शांति को पाने के लिए मनुष्य यहां वहां भटकता रहता है।
उन्होंने बताया कि हम संयमित और नियमित योग और भजन सुमिरन करके ही स्वस्थ, सुंदर तथा चिता मुक्त जीवन जी सकते है। मंदिर में आने से तथा गोमाता के दर्शन, सेवा व परिक्रमा आदि से जो मानसिक शांति मिलती है, उससे दिव्यता एवं भव्यता की अनुभूति होती है। उसे बार-बार याद करते हुए जीवन में अभ्यास करने की आवश्यकता है। यदि हम ऐसा कर पाते हैं। तो बड़ी से बड़ी बीमारी के संकट से परमात्मा हमारी रक्षा करता है।
गोशाला के प्रधान चमन लाल गोयल ने कहा कि हम अपने आसपास साफ सफाई और सरकार द्वारा जारी हिदायत को भी ध्यान में रखें। मास्क व सैनिटाइजर का प्रयोग करें तथा एक-दूसरे से दूरी बना करके रखें, ताकि यह महामारी कम से कम फैले और इस महामारी से अपने सहित दूसरों को भी सुरक्षित रखा जा सके। इस दौरान आरती के बाद सर्वभले के लिए परमात्मा के चरणों में प्रार्थना की गई।
इस मौके पर एसके बंसल, रमन गोयल, वेदव्यास कांसल, पंडित कपिल भारद्वाज, अमित कौशिक, कामना, आरती, मंजू देवी, अजय हांडा आदि भक्त उपस्थित थे।