नापतोल विभाग के इंस्पेक्टर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज

। मोगा विजिलेंस ब्यूरो ने नापतोल विभाग (लीगल मेट्रोलाजी) के इंस्पेक्टर संजीव कुमार को आय से अधिक संपत्ति के मामले में केस दर्ज किया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 01 Apr 2021 11:30 PM (IST) Updated:Thu, 01 Apr 2021 11:30 PM (IST)
नापतोल विभाग के इंस्पेक्टर के खिलाफ  
आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज
नापतोल विभाग के इंस्पेक्टर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज

जागरण संवाददाता मोगा

मोगा विजिलेंस ब्यूरो ने नापतोल विभाग (लीगल मेट्रोलाजी) के इंस्पेक्टर संजीव कुमार को आय से अधिक संपत्ति के मामले में केस दर्ज किया है। यह केस विजिलेंस ब्यूरो के फिरोजपुर स्थित थाने में दर्ज किया गया है। डीएसपी विजिलेंस मोगा केवल कृष्ण ने एफआइआर दर्ज कराई है। आरोपित को विजिलेंस ब्यूरो ने पांच साल पहले रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।

डीएसपी विजिलेंस केवल कृष्ण ने बताया कि आरोपित इंस्पेक्टर के खिलाफ विभाग को सात फरवरी 2017 को शिकायत मिली थी। इसके आधार पर उसकी छह साल की आय की पड़ताल की गई। आरोपित की एक जनवरी 2006 से लेकर 31 मार्च 2012 तक की आमदनी की पड़ताल की गई। दर्ज एफआइआर के अनुसार आरोपित को इस समयावधि में वेतन आदि से कुल 27 लाख 44 हजार 572 की आमदनी हुई थी। इस दौरान आरोपित ने कुल 32 लाख 53 हजार 416 रुपए खर्च किए। इस तरह आरोपित इंस्पेक्टर ने अपनी आय से करीब पांच लाख 53 हजार रुपये ज्यादा खर्च किए थे। यानि आय से 18 प्रतिशत ज्यादा खर्च कर डाला था।

इसी को आधार बनाते हुए विजिलेंस ब्यूरो ने माना कि इंस्पेक्टर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अनैतिक कार्यों से धनराशि एकत्र की है। इसी को देखते हुए उसके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में केस दर्ज किया गया।

विजिलेंस ब्यूरो ने करीब पांच साल पहले अप्रैल 2016 को आरोपित संजीव को एक लाइसेंस होल्डर से 72000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इस मामले में अभी अदालत में सुनवाई चल रही है। उस समय विजिलेंस ब्यूरो ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया था। जिसके चलते उसे विभाग ने सस्पेंड कर दिया था। लेकिन आरोपित जल्द ही बहाल हो गया था। दोबारा फिर उसने अनैतिक कार्यों से संपत्ति अर्जित करना शुरू कर दिया था।

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