लुधियाना में 1431 अवैध कालाेनियाें ने राेकी विकास की रफ्तार, ट्रीटमेंट प्लांट बने पंपिंग सेट

निगम क्षेत्र में भी 150 से अधिक अवैध कालोनियां हैं जिनके सीवरेज कनेक्शन भी अवैध तरीके से निगम के सीवरेज में जुड़े हैं। सीवरेज सिस्टम पर लोड ज्यादा होने के कारण निगम के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी जवाब दे गए हैं।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Tue, 17 Nov 2020 10:43 AM (IST) Updated:Tue, 17 Nov 2020 10:43 AM (IST)
लुधियाना में 1431 अवैध कालाेनियाें ने राेकी विकास की रफ्तार, ट्रीटमेंट प्लांट बने पंपिंग सेट
शहर में विकास के कामाें की रफ्तार काे अवैध कालाेनियाें ने राेक दिया है। (फाइल फाेटाे)

लुधियाना, जेएनएन। शहर में विकास के कामाें की रफ्तार काे नगर निगम क्षेत्र के आसपास ग्लाडा के क्षेत्र में बनी 1431 अवैध कालोनियाें ने ग्रहण लगा दिया है। इससे लाेगाें काे सुविधाएं नहीं मिलने के कारण उन्हें परेशानियाें का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा नगर निगम की अाय में भी असर पड़ रहा है। अवैध कालोनियाें में से ज्यादातर का सीवरेज सिस्टम निगम के सीवरेज से जुड़ा है।

इसी तरह निगम क्षेत्र में भी 150 से अधिक अवैध कालोनियां हैं, जिनके सीवरेज कनेक्शन भी अवैध तरीके से निगम के सीवरेज में जुड़े हैं। सीवरेज सिस्टम पर लोड ज्यादा होने के कारण निगम के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी जवाब दे गए हैं। नगर निगम के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों की क्षमता 466 एमएलडी है जबकि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में करीब 750 एमएलडी से ज्यादा पानी जा रहा है। जिसकी वजह से करोड़ों रुपये के ट्रीटमेंट प्लांट पंपिंग सेट बनकर रह गए।

200 करोड़ रुपये की हो सकती है वसूली

पार्षद जसपाल सिंह ग्यासपुरा ने कहा कि अगर निगम अफसर सही तरीके से बाहरी कालोनियों से वाटर सीवरेज के शेयरिंग चार्जेस वसूलना चाहें तो इससे निगम को 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की आय हो सकती है। लेकिन निगम अफसर इसके प्रति गंभीर नहीं हैं। यही नहीं निगम लिमिट के बाहर और अंदर जो अवैध कालोनियां बनी हैं वह भी बिना परमिशन के अपना सीवरेज निगम के सीवरेज में गिरा रहे हैं। उनसे भी वसूली की जानी चाहिए।

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