Stubble burning; पंजाब में आंखों को 'जला' रहा पराली का धुआं, ऐसे करेें आंखों का बचाव

पंजाब में पराली जलनेे घटनाएं बढ़ने लगी हैं। इसके लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। पराली जलने से प्रदूषण व शुष्क मौसम से आंखों में जलन के मामले एकदम बढ़ गए हैं। अस्पतालों में ऐसे कई मरीज पहुंच रहे हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 04:21 PM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 04:21 PM (IST)
Stubble burning; पंजाब में आंखों को 'जला' रहा पराली का धुआं, ऐसे करेें आंखों का बचाव
पराली जलने की घटनाओं के कारण आंखों में जलन के मरीज बढ़े। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, लुधियाना। पंजाब की औद्योगिक नगरी लुधियाना में पराली जलाने के मामले आने शुरू हो गए हैंं।किसानों द्वारा सरकार की मनाही के बावजूद पराली जलाई जा रही है। किसानों द्वारा सुबह-सुबह और फिर रात में खेतों में पराली जलाई जा रही है। पिछले कुछ समय से पराली जलने से प्रदूषण व शुष्क मौसम से आंखों में जलन के मामले एकदम बढ़ गए हैं।

आंखों के विशेषज्ञों के पास काफी मरीज पहुंच रहे हैंं। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि अभी पिछले साल की तुलना में कम मरीज आ रहे हैं। डॉ. रमेश सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के प्रमुख और जाने माने आंखों के विशेषज्ञ डॉ. रमेश मनसुरा कहते हैं कि उनके जोधा, मंसूरा और रायकोट के सेंटर पर पराली के धुएं की वजह से आंखों में एलर्जी की शिकायत लेकर काफी मरीज आ रहे हैं।

मरीजोंं को आंखों से पानी आना और कुछ चुभने जैसा महसूस होने की शिकायत हो रही है। ऐसे में हम मरीजों को सलाह दे रहे हैंं कि वो जब भी घर से बाहर निकलेंं, खासकर ऐसी जगह जहां पराली जलाई जा रही हो तो वहां गॉगल्स जरूर पहनकर निकले। दूसरा आंखों को बार-बार धोते रहें। इससे आंखों में गई डस्ट बाहर आ जाएगी। जिन मरीजोंं की आंखों में बहुत ज्यादा एलर्जी हुई होती है, उन्हें हम आई ड्रॉप्स देते हैं, जिससे एलर्जी दूर हो जाती है। डॉ. रमेश ने कहा कि पराली जलाने का चलन सही नही है। सरकार को इस पर सख्ती से रोक लगानी चाहिए। 

भंडारी आई सेंटर के प्रमुख डॉ भंडारी का कहना है कि उनके यहाँ हबड़ा, नूरपुर बेट, भूंदडी और प्रताप सिंह बाला से ऐसे कई मरीज आ रहे हैं, जिन्हें पराली की वजह से आंखों में जलन, लाली होने की शिकायत है। मरीज़ो को सफोकेशन महसूस हो रही है। खासकर, अधिक आयु वालों को। ऐसे मरीजों को हम आंखों को साफ पानी से धोने के लिए कह रहे हैंं, जिससे कि पॉल्यूशन के कण बाहर आ जाएं।

मरीजों को बड़े साइज के गॉगल्स पहनने की सलाह दे रहे हैंं।  जिनके आंखों में अधिक रेडनेस होती है, उन्हें दवा से ठीक कर रहे हैंं। डॉ. भंडारी ने कहा कि पराली के धुएं से न सिर्फ आंखों को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि इससे दूसरी बीमारियां भी बढ़ रही है। जिला प्रशासन को चाहिए कि वह पराली जलाने पर रोक लगाएं।

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