शिअद नेताओं ने कांग्रेस एवं आप पर साधे निशाने

शिअद नेताओं ने रविवार को दुगरी रोड स्थित मैरी लैंड रिजार्ट में कांग्रेस व आप पर निशाना साधा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 09:25 PM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 09:25 PM (IST)
शिअद नेताओं ने कांग्रेस एवं आप पर साधे निशाने
शिअद नेताओं ने कांग्रेस एवं आप पर साधे निशाने

जागरण संवाददाता, लुधियाना

शिअद नेताओं ने रविवार को दुगरी रोड स्थित मैरी लैंड रिजार्ट में कांग्रेस एवं आप आदमी पार्टी को निशाने पर लिया। शिअद नेताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की मौजूदा सरकार ने पंजाब को बर्बादी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया। आप का दिल्ली माडल वहां पर ही फेल है। यह माडल पंजाब में नहीं चलेगा। नेताओं ने कहा कि सरकारों का खजाना कभी खाली नहीं होता, नीयत साफ होनी जरूरी है। मौजूदा सरकार की नीयत में खोट है और जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है।

पार्टी प्रधान सुखबीर बादल बोले कि भ्रष्टाचार में शामिल सभी मगरमच्छों को शिअद बसपा सरकार बनने पर चिड़ियाघर में बंद किया जाएगा। सुखबीर ने समझाया कि सरकार रेलगाड़ी होती है, मुख्यमंत्री इंजन एवं मंत्री डिब्बे। कांग्रेस के इंजन खराब निकले और ट्रेन पांच साल तक खड़ी रही। पंजाब बर्बाद हो गया, इसलिए अगली बार के लिए बेहतर इंजन का चुनाव करना है।

वहीं पूर्व मंत्री एवं शिअद के वरिष्ठ नेता अनिल जोशी ने भी आप एवं कांग्रेस पर जमकर निशाने साधे। जोशी ने कहा कि आप संयोजक अरविद केजरीवाल एवं मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी में झूठ का मैच चल रहा है। सूबे में ड्रामेबाजों की सरकार है। जोशी बोले कि सीएम चन्नी कंफ्यूज्ड मुख्यमंत्री हैं। केंद्र सरकार की ओर से तीन कृषि सुधार कानून वापस लेने पर जोशी बोले कि अब प्रधानमंत्री ने माफी मांगी और कानून वापस लिए। मैं भी यही कह रहा था। अब इतना नुकसान करा कर भी कानून वापस लेने पड़े हैं। इससे यह भी साफ हो गया है कि कानून गलत थे, लेकिन मेरी बात कोई सुनने को तैयार नहीं था।

शिअद उद्योग एवं व्यापार विग के प्रधान एनके शर्मा ने दावा किया कि कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान पिछले पांच साल से इंडस्ट्री बर्बाद हुई। प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री चुनावों से पहले पंजाब आकर लोगों को गारंटियां दे रहे हैं। पिछले चुनावों में लोगों ने उनके उम्मीदवारों को जिताया और विधानसभा भेजा, लेकिन आप के कई विधायक कांग्रेस में चले गए। साफ है कि केजरीवाल अपने विधायकों की पांच साल की गारंटी नहीं ले सके।

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