Punjab Election Update: राजनीतिक दलाें काे नए सिरे से बनानी हाेगी रणनीति, जानें अब पंजाब में किस दिन हाेगा मतदान

Punjab Vidhan Sabha Chunav 2022ः पंजाब में 14 फरवरी के बजाए अब 20 फरवरी को वोटिंग होने से राजनीतिक दलाें काे नए सिरे से रणनीति बनानी हाेगी। गाैरतलब है कि पंजाब की सभी पार्टियाें ने 16 फरवरी को रविदास जयंती को लेकर वोटिंग की तारीख बदलने की मांग की थी।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Mon, 17 Jan 2022 02:43 PM (IST) Updated:Mon, 17 Jan 2022 03:24 PM (IST)
Punjab Election Update: राजनीतिक दलाें काे नए सिरे से बनानी हाेगी रणनीति, जानें अब पंजाब में किस दिन हाेगा मतदान
पंजाब में अब 20 फरवरी काे हाेगा मतदान। (सांकेतिक तस्वीर)

आनलाइन डेस्क, लुधियाना। Punjab Chunav 2022ः  पंजाब में 14 फरवरी के बजाए अब 20 फरवरी को वोटिंग होने से राजनीतिक दलाें काे नए सिरे से रणनीति बनानी हाेगी। गाैरतलब है कि पंजाब की सभी पार्टियाें ने 16 फरवरी को रविदास जयंती को लेकर वोटिंग की तारीख बदलने की मांग की थी। इसकाे लेकर पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने चुनाव आयाेग काे पत्र भी लिखा था। राज्य में 6 दिन के लिए चुनाव टलने के बाद कई दलाें ने इस फैसले का स्वागत किया है। विधायक संजय तलवाड़ का कहना है मुख्यमंत्री चन्नी ने ही इलेक्शन डेट बदलने के लिए आयाेग काे पत्र लिखा था। इससे जहां लोग रविदास जयंती मना पाएंगे, वहीं प्रचार के लिए और वक्त मिल गया है।

सिद्धू ने आयाेग के फैसले का किया स्वागत

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजाेत सिंह सिद्धू ने पंजाब विधानसभा चुनाव को स्थगित करने के चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत किया है। वह आम आदमी पार्टी फिरोजपुर ग्रामीण के उम्मीदवार आशु बांगड़ काे कांग्रेस में शामिल करने के बाद पत्रकाराें से बातचीत कर रहे थे। लुधियाना जिले की सभी सीटाें पर प्रत्याशियाें काे अब कड़ा पसीना बहाना पड़ेगा। एक दिन पहले ही भारतीय जनता पार्टी, पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी और शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) ने चुनाव आयोग को अलग-अलग पत्र लिखा था।

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जालंधर में रविदास समुदाय ने हाईवे किया था जाम, आयाेग के फैसले पर जताई खुशी

विधानसभा चुनाव की तिथि बदलवाने के लिए रविदास समुदाय सोमवार को सड़क पर उतर गया था। समुदाय के लोगों ने जालंधर के पीएपी चौक पर धरना देकर जाम लगा दिया था। उनका कहना है कि 16 फरवरी को गुरु रविदास जी का प्रकाश पर्व है। उनका प्रकाश पर्व मनाने के लिए हर साल करीब 20 लाख श्रद्धालु उनके जन्म स्थान वाराणसी स्थित सीर गोवर्धनपुर जाते हैं।  श्रद्धालु 13 फरवरी से वाराणसी जाना शुरू कर देते हैं। चुनाव 14 फरवरी को घोषित था। ऐसे में वाराणसी जाने वाले लोग मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाएंगे, जोकि उनका संवैधानिक अधिकार है। हालांकि दाेपहर के बाद मतदान की तारीख 20 फरवरी हाेने के बाद रविदास समाज के लाेगाें ने फैसले पर खुशी जताते हुए चुनाव आयाेग का धन्यवाद किया।

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